योगीराज में बढ़ा मुस्लिम गर्ल्स का Drop Out Rate, आंकड़े चौंका देंगे आपको…
मुस्लिम लड़कियों को बेहतर तालीम देकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का दावा करने वाली योगी सरकार की योजना धरातल पर हांफती नजर आ रही है।योगीराज में मुस्लिम लड़कियों का मदरसा शिक्षा से मोहभंग हो रहा है। पिछले तीन सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो गर्ल्स स्टूडेंट के आंकड़ों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है
लखनऊ: मुस्लिम लड़कियों को बेहतर तालीम देकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का दावा करने वाली योगी सरकार की योजना धरातल पर हांफती नजर आ रही है। योगीराज में मुस्लिम लड़कियों का मदरसा शिक्षा से मोहभंग हो रहा है। पिछले तीन सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो गर्ल्स स्टूडेंट के आंकड़ों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि अनपढ़ लड़कियों की तैयार होती ये बड़ी फौज शिक्षा के अभाव में अपने लिविंग स्टैंडर्ड को किस तरह से सुधार पाएगी। और क्या सरकारी योजनाएं कागजों पर ही दौड़ लगा- लगा कर हांफते हुए दम तोड़ देंगी?
60 हजार तक घटी छात्राओं की संख्या
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2016 में करीब 2 लाख छात्राएं बोर्ड में पंजीकृत थीं। वर्तमान में ये संख्या 1 लाख 39 हजार 239 तक सिमट कर रह गई है। इन आकड़ों पर गौर करें तो करीब 60 हजार मुस्लिम लड़कियों ने मदरसा बोर्ड से मुंह मोड़ लिया है।
राहुल गुप्ता बताते हैं कि सरकार की मंशा ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम लडकियों को तालीम देकर अपने पैरों पर खड़े करने की है। लेकिन उनकी फाइलों में दर्ज आंकड़े तो योगी सरकार में मदरसों में मुस्लिम लड़कियों की घट रही संख्या की कहानी बयां कर रहे हैं। आलिया, फौकानिंयां सहित कई परीक्षाओं में लगातार छात्राओं की संख्या घटती जा रही है।
हर साल घटी संख्या
मदरसा बोर्ड में पिछले तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2016 में मदरसा बोर्ड में कुल 4 लाख 22 हजार 507 छात्र- छात्राएं पंजीकृत थे। इसमें करीब 1 लाख 98 हजार छात्राएं पंजीकृत थीं। इसके बाद वर्ष 2017 में कुल 3 लाख 71 हजार 54 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हुए।
इसमें मुस्लिम लड़कियों की संख्या घटकर 1 लाख 74 हजार तक पहुंच गई। जबकि इस साल कुल पंजीकृत 2 लाख 95 हजार 825 बच्चों में से केवल 1 लाख 39 हजार 239 छात्राएं मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं में अपीयर होने जा रही हैं। हर साल लड़कियों की घटती संख्या विभाग के लिए चिंता का सबब बनी हुई है।
कन्या विद्या धन योजना बंद होने से पड़ा असर
मदरसा बोर्ड के कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार में लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चलने वाली कई योजनाएं वर्तमान सरकार में बंद हो गई हैं। इनमें कन्या विदया धन योजना भी शामिल है। इसके बंद हो जाने की वजह से भी लड़कियों का मदरसा बोर्ड से मोहभंग हुआ है।
इस योजना के अंतर्गत मेरिट में आने वाली लड़कियों को सरकार आगे की पढ़ाई के लिए 30 हजार रूपये की आर्थिक सहायता की धनराशि चेक के माध्यम से देती थी। इस सरकार में कन्या विदया धन योजना ठप्प पड़ी हुई है। वर्ष 2016 में करीब 89100 छात्राओं को 267.30 करोड़ की कन्या विदया धन की धनराशि बांटी गई। इसी तरह पूर्व के वर्षों में भी समाजवादी सरकार में इस योजना के माध्यम से जमकर कन्याओं को प्रोत्साहित किया गया। लेकिन अब इस योजना के बंद होने से छात्राओं का पढाई से मोहभंग होता दिख रहा है।