वह बहुत काम उम्र की हैं। साहित्य की विद्यार्थी नहीं हैं। छोटे शहर में, भारत में ही पैदा हुई हैं। छोटे शहर में ही पढ़ाई भी शुरू की। बहुत ही कोमल भावनाओं की नवयौवना निकिता ने विश्व साहित्य के दिग्गजों को भी हैरत में डाल दिया है। भारत की लड़कियों के लिए वह आज की सबसे बड़ी आइकॉन बन कर उभरी है। निकिता के इस तरह उभरने का सबसे बड़ा कारण है कि वह बिल्कुल उन विषयों को अपने कथानक में शामिल कर रही हैं जो आज के युवाओं की रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हैं।
ऐसा कहा जाता है कि कुछ बालक-बालिकाएं मां के गर्भ से अपना उत्तम भाग्य लिखवाकर पैदा होते हैं। इसका अर्थ यह भी नहीं है कि अन्य बालक-बालिकाएं भाग्यहीन होते हैं, लेकिन पूर्वजन्म के श्रेष्ठ कर्मों के आधार पर कुछ बालक-बालिकाएं अपना भाग्य सोने की कलम से लिखवाकर पैदा होते हैं। ऐसे बालक-बालिकाएं छोटी सी अवस्था में ही बड़े कार्य करके न केवल राष्ट्र में ख्याति प्राप्त करते हैं, अपितु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपने राष्ट्र के नाम को चार चांद लगा देते हैं। निकिता सिंह ऐसी ही एक नवयौवना है जिसने मात्र चार साल में नौ नॅावेल लिखकर पूरी दुनिया में युवाओं के दिलों पर राज स्थापित कर लिया और वह दिन भी दूर नहीं जब निकिता सिंह एक उपन्यासकार के रूप में ध्रुव तारे की तरह जगमगा रही हैं।
आइये नजर डालते हैं निकिता के पारिवारिक जीवन पर। निकिता सिंह का जन्म बिहार के पटना में हुआ, जहां उन्होंने अपने जीवन के चार साल व्यतीत किये। इसके बाद वह इंदौर चली गयी, जहां से उन्होंने प्राथमिक शिक्षा भी प्राप्त की। 2008 में रांची के तुपुडाना की ब्रिद्गेफोर्ड स्कूल से उन्होंने प्राथमिक शिक्षा पूरी की। 2012 में उन्होंने इंदौर के एक्रोपोलिस इंस्टिट्यूट से फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की पढ़ाई पूरी की। फिलहाल वह न्यूयॉर्क शहर की दी न्यू स्कूल से क्रिएटिव राइटिंग में मास्टर डिग्री की पढ़ाई पूरी कर रही है। इस समय निकिता सिंह नौ उपन्यासों की सर्वश्रेष्ट लेखक हैं, जिनमें लाइक ए लव सोंग, आफ्टर ऑल दिज टाइम और दी प्रोमिस शामिल है। दी बैकबेंचर सीरीज की किताबों में उनका भी योगदान रहा है। साथ ही वह 25 स्टोरीज ऑफ काइंडनेस और दी टर्निंग पॉइंट जैसी किताबों की वह एडिटर भी रह चुकी है।
निकिता सिंह को लेखनी उनके पिता से विरासत के रूप में मिलीं। प्रथम नॉवेल 2011 में लव एट फेसबुक लिखा। पहले ही नॉवेल के प्रकाशन से निकिता सिंह भारतवर्ष में प्रसिद्ध हो गई। उसके बाद तो एक से एक बढक़र एक नॉवेल लिखती हुई अब तक आठ नॉवेल लिख चुकी हैं। आज निकिता सिंह भारत के यंगस्टर्स के दिलों पर लिखने की उत्तम शैली के कारण दिलों की धडक़न बनी हुई है।
निकिता सिंह के पिता चन्द्रप्रकाश सिंह निहायत ही सुलझे हुए व्यक्तित्व के धनी है। निकिता सिंह ने अब तक जो आठ नॉवेल लिखे हैं वे क्रमश: लव फेसबुक, एक्सीडेंटली इन लव, ईफ ईटस नॅाट फारएवर, दी प्रॅामिस, समवन लाइक यू, द अनरिजनेवल फैलोज, राइट हेयर राईट नाऊ तथा आफ्टरआल दिस टाइम हैं। इन नॉवेल्स में लव एवं रोमांस के साथ-साथ जिंदगी के अन्य कई तरह के पहलुओं के बारे में लिखा गया है। आफ्टर ऑल दिस टाइम नामक इस नयी किताब में निकिता सिंह ने एचआईवी पेशेंट की जिंदगी के बारे में लिखा है।
विगत दिनों इसी नॉवेल के लॅाचिंग के अवसर पर इन्दौर पहुंची निकिता सिंह ने एक साक्षात्कार में बतलाया कि जाता हुआ लम्हा हमारे लिए वेलकम काल है। हमें बेकार की चिन्ता न करके प्रत्येक पल को खुशी के साथ व्यतीत करना चाहिए। इस वर्तमान नॉवेल के बारे में निकिता सिंह ने यह भी कहा कि यह किताब मेरी जिंदगी का टर्निंग प्वांइट है क्योंकि मेरी अधिकतर पुरानी पुस्तकें रोमांटिक बुक्स के रूप में ही जानी जाती थी, लेकिन आफ्टर ऑल दिस टाइम मेरी लीक से हट करके लिखी हुई पुस्तक है। निकिता सिंह की सभी पुस्तकों के प्रकाशक पेग्विंग रैंडम हाऊस दिल्ली है। अधिकांशत: पुस्तकें अपने माता-पिता को ही समर्पित की हैं।
19 की उम्र में पहली किताब: लव फेसबुक
19 साल की उम्र में ही उन्होंने अपनी पहली किताब लव फेसबुक लिखी और इसके साथ-साथ वह फार्मेसी की पढ़ाई भी कर रही थी। लव फेसबुक 19 साल के लडक़ी की वयस्क किताब है, जो फेसबुक पर वीजे से दोस्ती करने के बाद उसी के प्रेम में पड़ जाती है।
सितंबर 2011 में सिंह के लव फेसबुक की अगली कड़ी एक्सिडेंटली इन लवजविथ हिम अगेन को प्रकाशित किया गया। इस कड़ी का प्रकाशन विशेषत: लव फेसबुक के पुराने पाठकों के लिए ही किया गया था। दी बैकबैंचर सीरीज में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
इस सीरीज की दूसरी किताब दी बैकबैंचर दी मिस्ड कॉल उन्होंने दुर्जोय दत्त के साथ मिलकर लिखी। और उन्हीं के साथ मिलकर ‘इफ इट इज नॉट फॉरेवर... इट्स नॉट लव’ का प्रकाशन किया। इस किताब को जून 2012 में रिलीज किया गया। ‘इफ इट इज नॉट फॉरेवर... इट्स नॉट लव’ यह किताब 7 सितम्बर 2011 को दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट की वास्तविक घटना पर आधारित है। इस किताब में देब की प्रेम कथा को बताया गया है, जो हादसे के समय वही मौजूद था। 2013 में निकिता सिंह को लाइव इंडिया यंग एचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया।
निकिता सिंह भारत के बहुत से कॉलेजों में भाषण भी दे चुकी हैं। साथ ही ग्रेपवाइन इंडिया की वह एडिटर भी है। उनके हालिया किताब लाइक ए लव सोंग को मार्च 2016 में रिलीज किया गया। उनकी किताब एवरी टाइम इट रेंस 2017 में रिलीज हुई। निकिता ने अपनी किताबों में वर्तमान भारतीय परिदृश्य के आधुनिक रिश्तों के बारे में लिखा है। उनकी किताबों में नए प्रेम का वास्तविक प्रदर्शन किया गया है, जिनमें वास्तविक लोगों और उनकी मुश्किलों का वर्णन सहजता से किया गया है। उनकी किताब में हमें आधुनिक रोमांच और सरलता भी दिखाई देती है।
कुछ प्रसिद्ध रचनाएं
लव फेसबुक (2011)
एक्सिडेंटली इन लव...विथ हिम? अगेन? (2011)
इफ इट्स नॉट फॉरेवर...इट्स नॉट लव (2012)
दी प्रॉमिस (2012)
समवन लाइक यू (2013)
द अनरिजनेबल फेलो (2013)
राईट हियर राईट नाउ (2014)
आफ्टर ऑल दिस टाइम (2015)
लाइक ए लव सॉंग (2016)
एवरी टाइम इट रेंस (2017)