कविता: दुश्वारी में फंस गए, आज देश के लोग नेता सारे लड़ रहे, काले धन का रोग
दुश्वारी में फंस गए, आज देश के लोग
नेता सारे लड़ रहे, काले धन का रोग
काले धन का रोग, भ्रष्टाचार गरमाया
फिर जनता का माल, सभी ने खूब लुटाया
है काला बाजार, सर्व जन की लाचारी
दुराचार व्यवहार, राह चलती दुश्वारी।