बच्चे की तुतलाहट नहीं है खराब बात, भविष्य का लगा सकते हैं अनुमान
ज्यादातर बच्चे जब छोटे होते है तो बोलना शुरु करते है कुछ बच्चे साफ बोलते है कुछ तुतलाते है और अक्सर बच्चे शुरुआती दिनों में थोड़ा तुतलाकर बोलते हैं। उनकी यह तुतलाहट कोई खराब बात नहीं है। रिसर्च में पता चला है कि बच्चे की तुतलाहट से यह पता लगाने में मदद मिलती है
ज्यादातर बच्चे जब छोटे होते है तो बोलना शुरु करते है कुछ बच्चे साफ बोलते है कुछ तुतलाते है और अक्सर बच्चे शुरुआती दिनों में थोड़ा तुतलाकर बोलते हैं। उनकी यह तुतलाहट कोई खराब बात नहीं है। रिसर्च में पता चला है कि बच्चे की तुतलाहट से यह पता लगाने में मदद मिलती है कि भविष्य में उसका बातचीत करने का तरीका कैसा होगा।
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रिसर्च के मुताबिक, देखभाल करने वालों के साथ आंखें मिलाते समय बच्चा कई बार तुतलाकर बोलता है, जिससे उसके भविष्य के भाषा कौशल का अनुमान लगाया जाता है।
ब्रिटेन में शेफील्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने पाया कि अपने देखभाल करने वालों के चेहरे को देखकर 11 से 12 महीने के बच्चे लगातार कुछ बोलने की कोशिश करने लगते हैं। इससे बाद में बच्चे की शब्दावली कैसी होगी, के बारे में पता चलता है। बच्चे की देखभाल करने वाले या पैरेंट्स भी जान-बूझकर बच्चे के साथ बातचीत करते हैं ताकि उसमें शब्दों की समझ विकसित की जा सके।
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इस रिसर्च में यह भी देखा गया कि पैरेंट्स ने बच्चों के स्वरों, हावभावों और उनके एकटक देखने पर किस तरह जल्दी प्रतिक्रिया दी। यह भी परीक्षण किया कि कौन-सी एक्टिविटी बच्चे की भाषा के विकास के लिए सबसे अच्छी हैं। इसमें उन्होंने पाया कि जब बच्चे आंखों से संपर्क करते हैं और बात करने की कोशिश करते हैं, तो उनकी इन चीजों पर प्रतिक्रिया देने से उनके भाषा के विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
रिसर्चर ने कहा, कि पैरेंट्स महंगे खिलौने लाए बिना ही बच्चों के हाव-भाव का जवाब देकर उनकी भाषा और शब्दावली में सुधार करने में मदद कर सकते हैं, जो कि आसान तरीका है।