तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सोशल मीडिया पर चुनावी लड़ाई
सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की समर्पित टीमें काम कर ही है। तृणमूल कांग्रेस ‘जुमला मीटर’ और ‘प्रधानमंत्री हिसाब दो’ एवं भाजपा ‘मैं भी चौकीदार’ नामक म्यूजिक वीडियो से लक्षित मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश में हैं।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मतदाताओं, खास तौर पर युवा मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा सोशल मीडिया पर अनोखे जिंगल्स, वेब सीरिज और वीडियो सहित कई तरह के नए-नए प्रयोग कर रही है।
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सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की समर्पित टीमें काम कर ही है। तृणमूल कांग्रेस ‘जुमला मीटर’ और ‘प्रधानमंत्री हिसाब दो’ एवं भाजपा ‘मैं भी चौकीदार’ नामक म्यूजिक वीडियो से लक्षित मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश में हैं।
वेब सीरिज से लेकर गीत-संगीत के माध्यम से चुनाव प्रचार करके तृणमूल कांग्रेस और भाजपा सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने का प्रयास कर रही है।
हालांकि वे पारंपरिक ईमेल और एसएमएस का भी सहारा ले रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए एक वेब सीरिज ‘प्रधानमंत्री हिसाब दो’ की शुरुआत की है। इस प्रचार के तहत पार्टी रोजाना ट्विटर और फेसबुक पर एक छोटा वीडियो अपलोड करती है। इसमें मोदी सरकार की ‘विफलता’ और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की ‘सफलता’ दिखाई जाती है।
इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस अपनी वेबसाइट पर ‘जुमला मीटर’ भी दिखाती है।
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ‘प्रधानमंत्री हिसाब दो’ और ‘जुमला मीटर’ सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय है।
चुनाव आयोग के अनुसार पश्चिम बंगाल में 20 लाख 10 हजार ऐसे मतदाता हैं जो पहली बार वोट करेंगे। यह संख्या अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे अधिक है।
वहीं सोशल मीडिया पर भाजपा ‘मैं भी चौकीदार’ हूं, अभियान चला रही है और यह वायरल हो रहा है।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के फेसबुक पेज पर मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की हर सभा को लाइव स्ट्रीम किया जाता है।
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वरिष्ठ भाजपा नेता शांयतनु बसु ने बताया कि उनके पास ऐसे प्रशिक्षित कार्यकर्ता हैं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं और ऐसे स्वयंसेवकों का भी एक बड़ा नेटवर्क है।
सोशल मीडिया पर तृणमूल कांग्रेस की राज्य सरकार की ‘विफलता’ और भाजपा की जनोन्मुखी नीतियां बताई जा रही है।
(भाषा)