तीन तलाक के मुद्दे पर मुखर रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी

Update:2017-08-22 13:58 IST
तीन तलाक के मुद्दे पर मुखर रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: तीन तलाक पर सुप्रीमकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समय-समय पर अपने भाषणों में तीन तलाक के मुद्दे को उठाते रहे हैं। मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करते समय भी इस मुद्दे को उठाया था।

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मोदी ने कहा था कि तीन तलाक के कारण तमाम मुस्लिम महिलाओं को मुसीबत भरी जिंदगी जीनी पड़ती है और अब इन महिलाओं ने इसके खिलाफ संघर्ष शुरू किया है। ऐसी महिलाओं के प्रति मेरे मन में काफी सम्मान है। उनके आंदोलन से ही पूरे देश में तीन तलाक के खिलाफ माहौल बना है। इसके अलावा भी विभिन्न मौकों पर मोदी समय-समय पर तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को होने वाली परेशानी को मुखरता से उठाते रहे हैं।

राजनीतिक चश्मे से न देखें तीन तलाक का मुद्दा

मोदी ने गत 29 अप्रैल को अन्तरराष्ट्रीय बसावा सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा था कि मुझे उम्मीद है कि मुस्लिम समाज से ही कुछ ऐसे जागरूक लोग निकलेंगे जो तीन तलाक को खत्म करने का प्रयास करेंगे ताकि हमारी मुस्लिम बेटियों व माताओं को इस दिक्कत से बाहर निकाला जा सके। ऐसे लोगों को आगे आकर इस समस्या का निदान करना चाहिए। यदि उन्होंने ऐसा किया तो आने वाली पीढिय़ां उन्हें हमेशा याद रखेंगी। मोदी ने कहा कि भारत के मुस्लिमों को दुनिया के मुस्लिमों को आधुनिकता की राह दिखानी चाहिए। मोदी का कहना था कि मेरा मुस्लिमों से यह भी अनुरोध है कि वे तीन तलाक के मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से न देखें।

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मुस्लिम बहनों को अन्याय से बचाएं

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अप्रैल में भुवनेश्वर में हुई बैठक में हिस्सा लेते समय भी अपने भाषण में मोदी ने इस मुद्दे को उठाया था। मोदी ने 17 अप्रैल को कहा था कि मुस्लिम समुदाय में भी पिछड़े लोग हैं। हमें ऐसे लोगों तक पहुंचना चाहिए। सरकार की कल्याणकारी योजनाएं उन लोगों के लिए हैं जो सरकार की नीतियों का अभी तक लाभ उठा पाने से वंचित रहे हैं। हमारी मुस्लिम बहनों को अन्याय से बचाया जाना चाहिए। वैसे मेरा मानना है कि समाज में किसी तरह का बंटवारा नहीं होना चाहिए और हमें मजबूती से इस पर कायम रहना चाहिए।

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इसी साल 10 मई को मुस्लिम नेताओं के दल को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि तीन तलाक के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। मुस्लिम नेताओं को इस दिशा में सुधार के कदम उठाने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

जिला स्तर पर होना चाहिए प्रयास

मोदी ने पिछले साल 16 अप्रैल को एक आयोजन में कहा था कि मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के कारण दिक्कतों का सामना कर रही हैं। हमें ऐसी महिलाओं की दिक्कतों का समाधान करने के लिए जिला स्तर पर प्रयास करना चाहिए।

तीन तलाक पर नहीं होनी चाहिए राजनीति

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में महोबा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भी तीन तलाक का मुद्दा उठाया था। मोदी ने कहा था कि यह मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है कि कोई उन्हें फोन पर ही तीन तलाक कह दे और उनकी जिन्दगी बर्बाद कर जाए। सरकार प्रयास करेगी कि मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक अधिकार सुरक्षित रहें। इस मुद्दे पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। कुछ राजनीतिक दल ऐसे हैं जो वोट बैंक की राजनीति में लिप्त हैं। ये दल नहीं चाहते कि मुस्लिम महिलाओं को उनके अधिकार मिलें। राजग इस बात का प्रयास करेगा कि मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक अधिकार सुरक्षित रहें।

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