पक्‍का साहब वाले व्यवहार से भाईचारा खोते जा रहे हैं दीपक सिंघल

Update: 2016-08-14 03:32 GMT

लखनऊ: यूपी में नौकरशाही का सबसे बड़ा पद संभालने के बाद दीपक सिंघल ओछी ,हल्की टिप्पणी और आचरण से बने भाईचारे को खत्म करना चाह रहे हैं। सिंघल जब सिंचाई विभाग में प्रमुख सचिव थे तो उन्होंने एक जूनियर अधिकारी की उनके लिए की गई टिप्पणी को मुद्दा बना लिया था, लेकिन अब राज्य का मुख्य सचिव बनने के बाद उनका आचरण,व्यवहार ,अहंकार और टिप्पणी नौकरशाही में चर्चा का विषय बनी हुई है। उनकी टिप्पणी से उनके राजनीतिक आकाओं को भी परेशानी होने लगी है।

अधिकारियों को आलोक रंजन के मुख्य सचिव रहते उनसे मिलने या अपनी समस्या रखने में कोई परेशानी नहीं होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। एक जिलाधिकारी ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर कहा कि एक बार वे बिना पहले से समय लिए दीपक सिंघल से मिलने चले गए। इसके लिए उन्हें बेइज्जत होना पड़ा। सिंघल ने एक अन्य जिलाधिकारी से कहा कि जब तक चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं होती तब तक मैं ही इस राज्य का बाॅस हूं। ये सब सीएम अखिलेश यादव की मौजूदगी में हुआ।

दीपक सिंघल ने एक बार गोंडा के एक कार्यक्रम में सीएम अखिलेश यादव को दिल और दिमाग से बच्चा कह दिया था। हालांकि इस टिप्पणी के बाद ये कहा गया कि वो कुछ और कहना चाह रहे थे लेकिन उनकी जुबान फिसल गई थी। नौकरशाहों में इस बात की भी चर्चा रही कि ये फिसली जुबान नहीं थी बल्कि जानबुझकर ये कहा गया था । हाल ही में उन्होंने आईएएस और आईपीएस को जेल भी भेजने की धमकी दी थी ।

एक आईएएस अधिकारी ने newstrack से कहा कि इनते बड़े अधिकारी को ऐसी टिप्पणी शोभा नहीं देती। उनकी ये टिप्पणी और अहंकार की बातें तब हैं जब उन्हें सीएम अखिलेश यादव का खास नहीं माना जाता है। दीपक सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के भी खास नहीं हैं । उनके व्यवहार से सीनियर,जूनियर अधिकारियों में रोष और आक्रोश है

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