इन वास्तु दोषों को करें दूर, पति-पत्नी के बीच नहीं होंगे मतभेद

Update:2018-03-10 07:20 IST

जयपुर:वास्तु शास्त्र में वैवाहिक में चल रहे पति-पत्नी के बीच मतभेद के लिए बेहद कारगर उपाय बताया गया है। शास्त्रों में शादी को सात जन्मों का संबंध माना गया है। दाम्पत्य जीवन में हमेशा मधुरता बनी रहे इसके लिए आपसी विश्वास और प्रेम आवश्यक होता है। परंतु आजकल नहीं चाहते हुए भी पति-पत्नी के बीच अनावश्यक विवाद पैदा हो जाता है।आगे चलकर ऐसी स्थिति बहुत बड़ी समस्या के रूप में उभर जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दाम्पत्य जीवन में मतभेद का कारण घर का वास्तु दोष भी हो सकता है।

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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के परिजनों के साथ परिवार के मुखिया को सदैव उचित सम्मान देना चाहिए। घर में चंदन या चमेली की सुगंध वाली धूप जलाएं। इससे घर की नकारात्मक उर्जा खत्म होती है और दाम्पत्य जीवन में मधुरता आती है।

बेडरूम को हमेशा स्वच्छ और सजाकर रखना चाहिए। सिरेमिक की विंड चाइम्स का प्रयोग करें। चौकोर या आयताकार कमरे को ही अपना बेडरूम बनाएं।

ऐसा कमरा होने से पति-पत्नी के बीच कभी मनमुटाव नहीं रहता है। दंपत्ति को दक्षिण-पूर्व दिशा में शयन नहीं करना चाहिए। सोने के लिए लकड़ी के बेड का ही प्रयोग करना चाहिए।

बेडरूम की दीवारों पर हल्के रंग का ही इस्तेमाल करें। लाल रंग का प्रयोग न करें। फेंगशुई में माना जाता है कि घर में घोड़े का स्टैच्यू रखने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है।

बेडरूम में अकेले घोड़े का स्टैच्यू न रखें। ध्यान रहे कि उसमें घोड़ा लगाम के साथ नहीं होना चाहिए। बेडरूम के पलंग पर रोशनी पीछे या बांई ओर से आनी चाहिए। बेडरूम में अगर शीशा है तो इसे हटा दें। नवदंपति अपने बेडरूम में लव बर्ड की मूर्ति साउथ वेस्ट दिशा में रख सकते हैं। कमरे के भीतर कभी कैक्टस न रखें। अपने विवाह से जुड़ी तस्वीरें कमरे में लगा सकते हैं।

 

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