ये होली का ढप क्या होता है आपको पता है क्या और द्वारिकाधीश मंदिर से क्या है नाता

Update:2019-02-20 17:35 IST

नितिन गौतम

मथुराः देश मे एक तरफ जहां आगामी चुनावों के चलते राजनीतिक रंग दिखाई दे रहे है वहीं ब्रज में 40 दिवसीय होली के अलग-अलग रंग दिखाई दे रहे है। ब्रज में बसंत पंचमी से शुरू हुए होली उत्सव की धूम आज मथुरा के विश्व प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर में ढप होली के रूप में दिखाई दी।

आज से मंदिर प्रांगण में जहाँ बड़े ढप को रख कर उसका पूजन किया गया और भगवान को होली के रसियाओं के साथ साथ गुलाल ओर छोटी छोटी पिचकारियों से रंग लगाया गया। इस दौरान देश विदेश से आये श्रद्धालुओ के लिए यह पल आनंदित और सराबोर कर देने वाला रहा।

एक तरफ भगवान के मनमोहक स्वरूप के दर्शन और उनकी मनोहारी छबि की आरती तो श्रद्धालुओं के लिए आम बात होती है लेकिन द्वारिकाधीश मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आज का दिन बेहद खास था क्योंकि आज मंदिर में बड़े ढप की स्थापना के साथ शुरू हुआ है होली उत्सव।

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आज से फागुन माह की शुरुआत हुई है और इस दिन बड़े ढप को मंदिर के चौक में रख जाता है और तरह तरह के उत्सवों से भगवान और भक्तो को जीवन के रंगों में रंगा जाता है। ढप होली के बारे में मंदिर के प्रवक्ता राकेश तिवारी ने बताया कि पुष्टिमार्गीय सम्प्रदाय में अनादि काल से इस होली की शुरुआत होने की व्यवस्था है।

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फागुन माह की शुरुआत के प्रथम दिन मंदिर परिसर में करीब 5 फ़ीट ऊँचा ओर करीब 3 फ़ीट चौड़ा ढप रखा जाता है। जिसको एक महीने पहले से तेल पिलाया जाता है। और ब्रज के प्रसिद्ध रसिया गायक रसियाओं का गायन कर भगवान को रिझाते है।

एक तरफ जहाँ मंदिर के गोस्वामी जहाँ कान्हा राधा रानी और उनकी सखियों को रंग गुलाल से फागुन की मस्ती के रंगों में रंगे हुए थे तो वही श्रद्धालु गुलाल की मस्ती में मदमस्त हो भगवान के संग होली खेलने का आनंद ले रहे थे। कान्हा के साथ होली खेलने के बाद किस तरह की आनंद की अनुभूति और कामना मन को प्रफुल्लित कर देती है।

 

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