सहारनपुर: बेहाल गन्ना किसान की हालत को सुधारने हेतु केंद्रीय केबिनेट नेे किसानों और गन्ना मिलों के लिए ८५०० करोड़ रुपये के पैकेज पर अपनी मुहर लगा दी है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षा में आर्थिक मामलों की कैबिनेट बैठक में इस राहत पैकेज की घोषणा की गई।
सरकार द्वार पैकेज में गन्ना किसान व चीनी मिलों दोनों को ही अहमियत दी गई है। जिसके चलते यह भ्रम पैदा हो गया है कि यह पैकेज मिली को राहत पहुंचाएगा या फिर गन्ना किसानों को। इस पर जब मिल अधिकारियों व किसान नेताओं से बात की गई तो उनकी प्रतिक्रिया भी मिली जुली रही।
भारतीय किसान संघ के प्रदेश गन्ना संयोजक श्यामवीर त्यागी ने कहा कि सरकार का यह राहत पैकेज प्रत्यक्ष रूप से चीनी मिलों व अप्रत्यक्ष रूप से गन्ना किसान के हित में है। कहा कि बेहाल गन्ना किसान की हालत सुधारने के लिए सरकार द्वारा दिया गया राहत पैकेज सराहनीय है। गन्ना किसान के बकाया भुगतान के लिए सरकार ने पैकेज देकर गम्भीर कदम उठाया है। परोक्ष रूप से इसका लाभ किसानों को ही होगा।
वहीं, किसान नेता एवं पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने इसे शूगर लॉबी पर आधारित पैकेज बताया। कहा कि इससे गन्ना किसान से ज्यादा चीनी मिलों को फायदा होगा। कहा कि यदि सरकार को गन्ना किसान की परवाह होती तो तत्काल बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराती। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के नाम पर शूगर लॉबी को राहत पहुंचाने का काम किया है।