जिन देशों में सूरज नहीं डूबता, जानिए वहां कैसे करते है लोग इफ्तार

  मई माह में भीषण गर्मी के दौरान रोजा रखना मुसलमानों के लिए बेहद मुश्किल होता है। लेकिन क्या कभी  ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां सूरज कभी नहीं डूबता वहां लोग कैसे रोजा रखते होंगे..?  । 

Update:2019-05-05 07:01 IST

जयपुर: रमजान का पाक महीना है। इसी महीने के दौरान मुसलमान रोजा रखते हैं। रोजा के दौरान पूरा दिन इन्हें भूखा-प्यासा रहना पड़ता है। वो भी तब तक जब तक कि सूरज छिप नहीं जाता। मई माह में भीषण गर्मी के दौरान रोजा रखना मुसलमानों के लिए बेहद मुश्किल होता है। लेकिन क्या कभी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां सूरज कभी नहीं डूबता वहां लोग कैसे रोजा रखते होंगे..? ।

हमारे देश में गर्मियों में सूरज निकलने के करीबन 16-17 घंटे बाद ही छिप जाता है लेकिन जहां सूरज महज 55 मिनट के लिए ही छिपता है तो सोचिए लोग कैसे वहां रोजा रखते होंगे। इस बारे में न पता हो कि आर्क्टिक सर्कल में आने वाले देशों में मुस्लिम 24 घंटे सूरज की लाइट में रहते हैं। ऐसे में वो कब सहरी खाएं और कब इफ्तार करें और कब नमाज पढ़ें ,यह जानना दिलचस्प है।

यहां रमजान में लालटेन है जरूरी, जानिए कहां कैसे होती है रोजे की शुरुआत

फिनलैंड और स्वीडन उन देशों में से हैं, जहां सूरज बहुत कम वक्त के लिए अस्त होता है। ऐसे में यहां रहने वाले मुसलमान रोजा कैसे रखते हैं यह जरूर जानना चाहिए। अकेले फिनलैंड में रहने वाले मुसलमानों की जनसंख्या वहां की 5.5 मिलियन आबादी का लगभग 3 प्रतिशत हैं। स्वीडन में 6 लाख मुस्लिम आबादी रहती है। फिनलैंड हजारों झीलों और आइलैंड्स से सजा हुआ खूबसूरत देश है। साल के 365 दिनों में से यहां गर्मी के मौसम में केवल 73 दिनों तक सूरज अपनी रोशनी बिखेरता है।

फिनलैंड में सूरज गर्मी में 55 मिनट के लिए ही छिपता है। यहां रोजा सुबह के 1:35 बजे शुरू हो जाता है और फिर रात के 12:40 बजे खत्म होता है। यानी महज 55 मिनट खाने पीने के लिए मिलते हैं। पूरे 23 घंटे और 5 मिनट तक रोजा रहता है। क्योंकि यहां तो रोजा 20 घंटे से ज्यादा का होता है। जहां सूरज नहीं ढलता वहां लोगों को तरकीब निकलनी पड़ती है। वे समय के हिसाब से रोजा रखते हैं। कुछ मुस्लिम जो लैपलैंड में रहते हैं, उनमें से ज्यादातर मिडिल ईस्ट के टाइम टेबल को फॉलो करते हैं।

इसी तरह रमजान माह ब्रिटेन में रहने वाले लोगों को एक दिन में 16 और 19 घंटे का रोजा रखते हैं।

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