गोबर से बनाया चप्पलें, धूपबत्ती जैसी चीजें, जिसे देख हो जाएंगे हैरान

अहमदाबाद के दिव्यकांत दुबे की गाय से गोबर से बनी इन चप्पलों को काफी पसंद किया जा रहा है। आपको बता दें कि यह चप्पलें काफी मजबूत और टिकाऊ है। इसके साथ यह स्वास्थ के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो रही है।

Update: 2021-01-03 12:11 GMT
गोबर से बनाया चप्पलें, धूपबत्ती जैसी चीजें, जिसे देख हो जाएंगे हैरान photos (social media)

अहमदाबाद : देश के लोगों में कला की कमी नहीं है। आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने गाय के गोबर से चप्पलें बना दी है। आपको बता दें कि यह शख्स अहमदाबाद का दिव्यकांत दुबे है जिसकी उम्र 55 साल है। यह पिछले 8 -10 साल से गोबर पर काम कर रहे हैं। इन्होंने महज दसवीं पास की है और पेशे से एक पेंटर हैं। इन्होंने गोबर से कई उत्पाद को बनाया है। हालही में उन्होंने गाय के गोबर से चप्पलें बनाई है। जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है।

गोबर से बनी इन चप्पलों के फायदे

अहमदाबाद के दिव्यकांत दुबे की गाय से गोबर से बनी इन चप्पलों को काफी पसंद किया जा रहा है। आपको बता दें कि यह चप्पलें काफी मजबूत और टिकाऊ है। इसके साथ यह स्वास्थ के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो रही है। दुबे बताते हैं कि गोबर की बनी यह चप्पलें स्वास्थ के लिहाज से काफी अच्छी मानी जाती है। इसके पीछे उन्होंने एक तर्क भी दिया है। पुराने समय में लोग गोबर से घर को लीपते थे लेकिन इस समय यह संभव नहीं है। गोबर से बनी इन चप्पलों को पहनकर सभी फायदे शरीर को मिल सकते हैं।

गोबर से बनी यह मूर्तियां

दिव्यकांत दुबे ने इन चप्पलों के आलावा कई अनेक प्रतिमाएं भी बनाई है। गोबर के गणेश, लड्डू गोपाल , राधा -कृष्ण, सरस्वती, राम -सीता आदि मूर्तियां बनाई हैं। इस मूर्तियों के बारे में दुबे का कहना है कि ये गोबर से बनी मूर्तियां वातावरण को शुद्ध रखती है। साथ ही यह पूरी तरह से ईको फ्रेंडली, ऑर्गेनिक होती है। इन्हें कहीं भी विसर्जित किया जा सकता है। मूर्तियां 6 इंच से लेकर कई फुट तक बनाई गई है।

एंटी रेडिएशन डिवाइस

मूर्तियों के साथ इन्होंने मोबाइल के पीछे लगाई जाने वाली एंटी रेडिएशन डिवाइस को भी बनाया है। आपको बता दें कि इस डिवाइस को फोन के पीछे चिपकाने से मोबाइल फोन का रेडिएशन प्रभावहीन हो जाता है। इस एंटी रेडिएशन डिवाइस की कीमत मात्र 10 रुपये रखी है। दुबे बताते हैं कि इस डिवाइस को गुजरात यूनिवर्सिटी ने भी प्रभावशाली माना है। इसके साथ ही इस रिसर्च को भी अनुमति दी है।

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अहमदाबाद में कई जगह बिकते हैं गोबर से बने सामान

दिव्यकांत दुबे ने इस गोबर से धूपबत्ती, चटाई, दिये और भी सजावटी समान भी बना रहे हैं। यह बताते हैं कि वह रोजाना गौशाला में जाकर नई नई रिसर्च पर काम करते हैं। इसके साथ उन्होंने गोबर से सामान बनाने वाली मशीन भी बना ली है। इसके साथ धीरे धीरे लोग उनके काम से भी जुड़ रहे हैं। हालांकि अभी यह बाजार में पहुंचना बाकी है। यहां तक की अब अहमदाबाद में कई जगह गोबर से चीजें बनाने का काम शुरू हो रहा है।

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