OMG:यहां लोगों की नहीं बढ़ती हाइट,50 फीसदी आबादी है 2-3 फीट,जानें इसकी वजह

दुनिया में सभी चाहते हैं कि उनकी हाइट अच्छी हो, कद-काठी अच्छी हो और वो सुन्दर दिखे। लेकिन हर किसी की इच्छा पूरी नहीं होती है। दुनिया में कोई लम्बा तो कोई बौना होता हैं। हांलाकि बौने लोगों की संख्या कम होती है। लगभग 20000 में से एक ही व्यक्ति बौना होता हैं।

Update:2020-02-27 11:01 IST

जयपुर: दुनिया में सभी चाहते हैं कि उनकी हाइट अच्छी हो, कद-काठी अच्छी हो और वो सुन्दर दिखे। लेकिन हर किसी की इच्छा पूरी नहीं होती है। दुनिया में कोई लम्बा तो कोई बौना होता हैं। हांलाकि बौने लोगों की संख्या कम होती है। लगभग 20000 में से एक ही व्यक्ति बौना होता हैं। लेकिन एक ऐसा गांव है जहां की 50 फीसदी आबादी बौनी हैं। यह गांव हैं यांग्सी जो की चीन के शिचुआन प्रांत में स्थित हैं। इतनी तादाद में बौना होना अपने आप में एक रहस्य है जिसका पता वैज्ञानिक अभी तक नहीं लगा पाए। तो आइये जानते हैं इस गांव के बारे में।

 

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ये है वजह

इस गांव में रहने वाले 80 में से 36 लोगों की लंबाई मात्र दो फीट एक इंच से लेकर तीन फीट दस इंच तक है। इतनी ज्यादा तादाद में लोगों के बौने होने के कारण यह गांव बौनों के गांव के नाम से प्रसिद्ध है।

गांव के बुजुर्गों के अनुसार उनकी खुशहाल और सुकून भरी जिंदगी कई दशकों पहले ही खत्म हो चुकी थी, जब उनके प्रांत को एक खतरनाक बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया था। जिसके बाद से कई लोग अजीब-गरीब हालात से जूझ रहे हैं। जिसमें ज्यादातर पांच से सात साल के बच्चे हैं। इस उम्र के बाद उनकी लंबाई रूक जाती है ।

 

इस इलाके में बौनों होने की खबरें 1911 से ही आ रही है। 1947 में एक अंग्रेज वैज्ञानिक ने भी इसी इलाके में सैकड़ो बौनों को देखने की बात कही थी। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस खतरनाक बीमारी का पता 1951 में चला जब प्रशासन को पीड़ितों के अंग छोटे होने की शिकायत मिली। 1985 में जब जनगणना हुई तो गांव में ऐसे करीब 119 मामले सामने आए। समय के साथ ये रुकी नहीं, पीढ़ी दर पीढ़ी ये बीमारी भी आगे बढ़ती गई। इसके डर से लोगों ने गांव छोड़ कर जाना शुरू कर दिया ताकि बीमारी उनके बच्चो में ना आये। हालॉकि 60 साल बाद अब जाकर कुछ हालात सुधरे है अब नई पीढ़ी में यह लक्षण कम नज़र आ रहे है।

 

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वैज्ञानिक और विशेषज्ञ इस गांव की पानी, मिटटी, अनाज आदि का कई मर्तबा अध्ययन कर चुके है लेकिन वो इस स्थिति का कारण खोजने में नाकाम रहे है। 1997 में बीमारी की वजह बताते हुए गांव की जमीन में पारा होने की बात कही गई, लेकिन इसे साबित नहीं किया जा सका। वहीँ कुछ लोगो को मानना है की इसका कारण वो ज़हरीली गैसे है जो जापान ने कई दशको पहले चीन में छोड़ी थी।

 

हालांकि यह एक तथ्य है की जापान कभी भी चीन के इस इलाके में नहीं पहुंचा था। ऐसे ही समय-समय पर तमाम दावे किए गए, लेकिन सही जवाब नहीं मिला।अब गांव के कुछ लोग इसे बुरी ताकत का प्रभाव मानते हैं, तो कुछ लोगों का कहना है कि खराब फेंगशुई के चलते हो ऐसा हो रहा है। वहीं, कुछ का कहना ये भी है कि ये सब अपने पूर्वजों को सही तरीके से दफन ना करने के चलते हो रहा है।चीन में कोई ऐसा गाँव है इससे चीनी प्रशासन मना तो नहीं करता है लेकिन वहाँ पर किसी विदेशी को जाने की इज़ाज़त नहीं है। यहाँ के बारे अधिकतर जानकारी यहाँ पहुँच पाने वाले रिपोर्टर्स के द्वारा ही मिल पाती है।

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