कभी नहीं मरेगा! रहस्यमई है ये जीव, मिला है इसे 'अमरता का वरदान'

कहा जाता है कि जो भी इस धरती पर पैदा हुआ है उसका मरना भी निश्चित है । इस धरती पर जीतने भी जीव जंतु है , उन सभी का जन्म और मौत दोनों ही होना पक्का है।

Update: 2019-12-07 11:27 GMT

लखनऊ: कहा जाता है कि जो भी इस धरती पर पैदा हुआ है उसका मरना भी निश्चित है । इस धरती पर जीतने भी जीव जंतु है , उन सभी का जन्म और मौत दोनों ही होना पक्का है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस्स धरती पर एक ऐसा भी जीव है जो कभी मरताही नहीं है या यह कहे कि उसे 'अमरता का वरदान' मिला हुआ है।

जी हां आपने सही सुना इस्स जीव का नाम है जेलीफिश । जो अपने इसी अजीबो गरीब गुण की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

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जेलीफिश एक प्रकार की मछली होती है

जेलीफिश असल में एक प्रकार कि मछ्ली होती है । यह दिखने में पारदर्शी होती हैं, लेकिन इंसानों के लिए यह बेहद ही खतरनाक भी होती हैं। यह अपने डंक से किसी भी इंसान को पलभर में मौत की नींद सुला सकती है। आपको बता दे कि दुनियाभर में इनकी 1500 से भी ज्यादा प्रजातियाँ है।

जेलीफिश समुद्र की बहुत ही नीचे गहराइयों में पाई जाती हैं, जहां सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंच पाती, इसलिए इंसानों को इनसे ज्यादा खतरा महसूस नहीं होता। आपको बता दे कि धरती पर जेलीफिश का अस्तित्व सदियों पुराना है। यह डायनासोर के काल से ही धरती पर मौजूद रहे हैं।

मछली में 95 फीसदी तक पानी होता है

जेलीफिश दुनिया की इकलौती ऐसी मछली है, जिसमें 95 फीसदी तक पानी होता है। इसी गुण के कारण यह मछली पारदर्शी दिखाई देती है। कहा जाता है कि जेलीफिश के पास दिमाग नहीं होता है, और इसी कारण उसके आसपास हमेशा छोटी-बड़ी मछलियों का झुंड जमा रहता है, क्योंकि वो इसके आसपास खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं।

लंबाई औसतन छह फीट तक होती है

जेलीफिश की लंबाई औसतन छह फीट तक होती है और इसका वजन 200 किलोग्राम तक होता है। अब तक की सबसे बड़ी जेलीफिश अमेरिका के समुद्र में मिली थी, जिसका लंबाई 7.6 फीट थी और उसकी मूंछें 120 फीट लंबी थीं।

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जेलीफिश को कभी न मरने वाला जीव कहा जाता है, क्योंकि इसके अंदर ऐसी खासियत होती है कि इसको अगर दो भागों में भी काट दिया जाए तो यह मरती नहीं है, बल्कि उन दोनों भागों से अलग-अलग जेलीफिश का जन्म होता है।

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