लखनऊ: देश के किसी भी प्रदेश में जब भी कोई नई सरकार आती है तो विकास के 'गुजरात मॉडल' की बात होने लगती है। उत्तर प्रदेश भी इसका अपवाद नहीं है। यह बात बात अलग है कि योगी आदित्यनाथ ने भी 'गुजरात मॉडल' का ज़िक्र किया है लेकिन यह भी सच है कि विकास और कल्याण योजनाओं के लिए 'मध्य प्रदेश मॉडल' का अध्ययन किया जा रहा है। गौरतलब है कि गुजरात और मध्य प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ही सरकार है।
योगी ने अपने अधिकारियों से कहा है कि वे जल्द से जल्द पड़ोसी राज्य में लागू सभी योजनाओं की सूची मंगाएं और उसका उत्तर प्रदेश के परिपेक्ष्य में अध्ययन करें। मध्य प्रदेश (एमपी) में इस समय लगभग 78 विकास और कल्याण योजनाएं चल रही हैं, जिसमें लगभग 57 एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा बनाई व लागू की गई हैं जिसमें अधिकांश बेहद लोकप्रिय और सफल हैं।
यूपी-एमपी की भौगोलिक स्थितियां समान
मुख्यमंत्री योगी का मानना है कि उत्तर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में रहन-सहन, भाषा, सामाजिक ताना-बाना और भौगोलिक स्थितियां काफी हद तक एक सामान हैं। ऐसी दशा में एमपी की योजनाएं यहां लागू करने के पीछे लॉजिक भी बनता है।
अफसरों को स्टडी के लिए कहा
मुख्यमंत्री के करीबी एक अफसर ने बताया कि फिलहाल इस सोच को अमलीजामा पहनाए जाने की स्टेज तो नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री ने यह ज़रूर कहा है कि इसकी स्टडी की जाए, कि मध्य प्रदेश की लगभग 57 योजनाओं में से कितनी अथवा उससे मिलती-जुलती योजनाएं उत्तर प्रदेश में चल रही हैं।
मध्य प्रदेश की कई योजनाएं लोकप्रिय हैं
मध्य प्रदेश में चल रही कुछ कल्याण योजनाओं में एमपी पब्लिक सर्विस गारंटी स्कीम, लाडली लक्ष्मी योजना, दीनदयाल किचन स्कीम, एमपी हाउसिंग गारंटी स्कीम, मुख्यमंत्री विदुषी योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, शक्तिमान योजना, बलराम तालाब योजना जैसी तमाम स्कीम्स हैं, जो पॉपुलर होने के साथ-साथ प्रभावी भी रही हैं।
गुजरात की योजनाएं पहले से विचाराधीन
वैसे, गुजरात की सफल योजनाएं तो पहले से ही सरकार के विचाराधीन हैं लेकिन एमपी की योजनाओं के अध्ययन के बाद ही नई योजनाओं की घोषणा की जाएगी। वैसे भी यूपी में सरकार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई है तो घोषणाओं की जल्दी में नज़र नहीं आ रही है।