पटना: पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार (14 अक्टूबर) को पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह में आए जहांं उनसे राजनीति में एक बार फिर नए साझेदार बने बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मोदी का स्वागत किया। सैकड़ों छात्रों की उपस्थिति में नीतीश ने नरेंद्र मोदी से पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने का आग्रह किया। नीतीश कुमार ने अपने भाषण में पटना विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाईं। फिर कहा, कि 'वे कई सालों से पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
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मोदी, कुछ साफ-साफ नहीं बोले
नीतीश के बाद भाषण देने आए पीएम मोदी ने कहा, कि 'पटना यूनिवर्सिटी आने वाले वे पहले पीएम हैं। उन्होंने तारीफ करते हुए कहा, कि पटना विश्वविद्यालय ने देश को कई उच्च अधिकारी दिए हैं। लेकिन पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने के मामले में मोदी ने कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा।
सब गोलमोल ही रहा
मोदी ने कहा, केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देना तो बीते हुए कल की बात है, मैं तो इस यूनिवर्सिटी को एक कदम और आगे ले जाना चाहता हूं। उन्होंने यह भी कहा, कि देश के 10 निजी और 10 सार्वजनिक यानि कुल 20 विश्वविद्यालयों को विश्वस्तर का बनाने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इन विश्वविद्यालयों का चयन योग्यता के आधार पर किया जाएगा।
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...फिर क्या था, ट्रेंड कर गए मोदी
पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग पर पीएम मोदी से स्पष्ट आश्वासन नहीं मिलने पर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया आने लगी है। ट्विटर पर पटना यूनिवर्सिटी, बिहार चीफ़ मिनिस्टर और नीतीश कुमार टॉप ट्रेंड करने लगे। किसी ने लिखा 'बस करिए मोदी जी, आज आपने जो पटना यूनिवर्सिटी को दिया, रुला दिया।'
आज के कई बड़े नेता यहीं के छात्र थे
उल्लेखनीय है, कि जयप्रकाश नारायण के 1974 के आंदोलन के निकले अधिकतर नेता आज राजनीति में चरम पर हैं। जब जेपी का आंदोलन शुरू हुआ तो उस वक्त लालू प्रसाद यादव छात्र संघ के अध्यक्ष, सुशील कुमार मोदी और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद वेलफेयर सेक्रेटरी थे। नीतीश कुमार, रामविलास पासवान भी इसी विश्वविद्यालय की उपज हैं। नीतीश कुमार ने अपने भाषण में इसका जिक्र भी किया।
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