बजट पर त्वरित टिप्पणी: आत्मविश्वास से भरा विकास यात्रा हेतु बजट

वर्चुअल करेंसी पर संशय को साफ करते हुये 30 प्रतिशत के कर दायरे मे लाकर एक नये आय का स्रोत सृजित हुआ और साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा अपना डिजिटल करेंसी लाने की बात कर युवा निवेषकों को आकर्षित करने का प्रयास किया गया।

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Written By :  Dr. Anoop Kumar Mishra
Update:2022-02-01 15:54 IST

डाॅ अनूप कुमार मिश्र

बजट पर त्वरित टिप्पणी: आम धारणा के विपरीत और चुनावी राजनीति से दूर रहकर वित्तमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को विकास के रास्ते पर ले जाने वाला बजट प्रस्तुत किया। वैश्विक अर्थव्यवस्था मे अपनी धमक बनाये रखने हेतु बाजार को आकर्षित करने वाला और स्टार्ट अप्स को मजबूती प्रदान करने वाला बजट है।

वर्चुअल करेंसी पर संशय को साफ करते हुये 30 प्रतिशत के कर दायरे मे लाकर एक नये आय का स्रोत सृजित हुआ और साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा अपना डिजिटल करेंसी लाने की बात कर युवा निवेषकों को आकर्षित करने का प्रयास किया गया। लगभग 40 लाख करोड़ के इस बजट मे कृषि हेतु 2.7 लाख करोड़ और 2 लाख करोड़ मझोले और छोटे उद्योगों के लिए आवंटित कर छोटे किसानो और उद्यमियो को राहत देने का प्रयास किया गया है।

रोजगार का व्यापक सृजन 

सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं के जरिये गरीबों को सशक्त बनाने का भी प्रयास शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास मदों मे बढोत्तरी कर दिया गया है। प्रधानमंत्री गति शक्ति के माध्यम से रेल, रोड, हवाई मार्ग , जल परिवहन, आदि पर भी खर्च करने की बात कही गयी जिससे रोजगार का व्यापक सृजन होगा।

शहरीकरण के बढ़ते आयाम के मद्देनजर 50 प्रतिशत जनसंख्या शहरों में निवास करेगी और इस जनाकंकीय परिवर्तन के मद्देनजर छोटे शहरों मे उन्नत अवस्थापना सुविधाएं बढे़गी और साथ ही इस बजट मे गाँवों मे भी शहरी सुविधाएं मुहैया कराने की योजना दिखती है| कोविड काल मे ट्रेवेल , टूरिज्म और हास्पिटल्टी क्षेत्रो के हुये नुकसान की भरपाई 5 लाख करोड़ के कवर की योजना की घोषणा राहत देने वाली है| निवेषकों को आकर्षित करने के लिए और नीजी क्षेत्रों के सहयोग को राष्ट्रीय योजनाओं मे सम्मिलित करने की अनेक प्रावधान बजट मे दिखे।

व्यय के मदों के मद्देनजर आय के सृजन पर यह बजट खामोश है इसलिए घाटे के बढ़ने का भी खतरा बना रहेगा। 6500 करोड़ के विनिवेश का लक्ष्य निर्धारित है पर व्यवहारिक नही दिखता। आय कर मे किसी भी प्रकार के परिवर्तन न होने से मध्यम वर्ग मे निराशा हो सकती है और इससे माँग प्रभावित हो ने का खतरा है।

कुलमिलाकर हम कह सकते हैं कि विपरीत परिस्थितियों मे यह बजट विकास को गति देने और रोजगार को सृजित करने के मिशन के साथ प्रस्तुत किया गया है|

डाॅ अनूप कुमार मिश्र

अध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग

डी ए वी पी जी काॅलेज, वाराणसी

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