G20 Summit: प्रतिबद्धता से कार्रवाई तक, भारतीय जी-20 अध्यक्षता के तहत निर्धारित भ्रष्टाचार विरोधी लक्ष्य
G20 Summit:जी-20 भ्रष्टारचार विरोधी कार्य समूह (एसीडब्यूअध्यजी) 2010 की स्थापना के बाद से, यह समूह दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के लिए भ्रष्टाचार से लड़ने और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए मानक निर्धारित करने और अच्छी प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच रहा है।
G20 Summit: भ्रष्टाचार के विनाशकारी और दूरगामी परिणाम सर्वविदित हैं। ये विश्वट के हर देश को प्रभावित करते हैं। भ्रष्टाचार गरीबी और असमानता को बढ़ावा देता है। यह सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा की उपलब्धि में यह बाधा है। फिर भी, भ्रष्टाचार के विरूद्ध संयुक्त राष्ट्र समझौता, जो एकमात्र वास्तविक वैश्विक कानूनी रूप से बाध्यकारी भ्रष्टाचार विरोधी समझौता है, को अपनाने के लिए देशों के एकजुट होने के बीस वर्ष बाद भी, अभी तक भ्रष्टाचार का सुर्खियां बनना जारी है, भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं को धमकियों का सामना करना पड़ता है, व्हिसिल-ब्लोअर को सताया जाता है। भ्रष्ट लोग अक्सर सजा से छूट पा लेते हैं। अपनी चुराई गई परिसंपत्तियों को सुरक्षित ठिकानों में छिपा लेते हैं।
जी-20 भ्रष्टा्चार विरोधी कार्य समूह (एसीडब्यूब्ल्जी) 2010 की स्थापना के बाद से, यह समूह दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के लिए भ्रष्टाचार से लड़ने और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए मानक निर्धारित करने और अच्छी प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच रहा है। 2023 में भारतीय जी-20 अध्य क्षता के तहत, एसीडब्यूमें जी ने तीन प्रमुख विषयों अर्थात् परिसंपत्ति पुनर्प्राप्ति; कानून प्रवर्तन सहयोग और सूचना साझा करने; और भ्रष्टाचार विरोधी निकायों की अखंडता और प्रभावशीलता को बढ़ावा देने पर उच्च-स्तरीय सिद्धांतों को अपनाया। ये विषय भ्रष्टाचार के विरूद्ध वैश्विक लड़ाई के साथ-साथ भारत के अपने भ्रष्टाचार-विरोधी एजेंडे के लिए अत्यधिक प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हैं।
इन सिद्धांतों (डिलिवरेबल्स) को अपनाया जाना सामयिक है, क्योंकि विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और परिसंपत्ति पुनर्प्राप्ति दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां अधिक प्रगति की आवश्यकता है। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में देशों के सामने आने वाली चुनौतियां यह दर्शाती हैं कि कोई भी देश घरेलू स्तर पर कितना भी तैयार क्यों न हो, अकेले भ्रष्टाचार के विरूद्ध संघर्ष करना बहुत हद तक असंभव है और हमें अनिवार्य रूप से इसका प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
कानून प्रवर्तन सहयोग और सूचना साझा करना भ्रष्टाचार के अपराधों, विशेष रूप से जटिल सीमा पार योजनाओं और नेटवर्क से जुड़े अपराधों का पता लगाने, जांच करने, मुकदमा चलाने और स्वीुकृति देने के लिए आवश्यक उपकरण हैं। भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सूचना साझाकरण से संबंधित कानून प्रवर्तन को मजबूत करने के उच्च-स्तरीय सिद्धांतों के माध्यम से, जी-20 एसीडब्यूलानेजी इस क्षेत्र में मुख्य चुनौतियों और अवसरों की पहचान करता है, और उन्हें दूर करने के लिए ठोस कार्रवाई और अनुशंसाएं प्रस्तावित करता है, जैसे कि भ्रष्टाचार के कृत्यों की जांच, मुकदमा चलाने और मंजूरी देने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी अधिक सूक्ष्मतता से काम करने और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए औपचारिक और अनौपचारिक संचार के माध्यम से एक साथ मिलकर अधिक एकजुटता के साथ काम करने के द्वारा या उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और उन्हें कम करने के उपायों के बारे में हमारी सामूहिक समझ में सुधार लाने के द्वारा। ये सिद्धांत सूचना साझा करने जैसे कि यूएनओडीसी का भ्रष्टाचार विरोधी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों का वैश्विक परिचालन नेटवर्क, जो 92 देशों के 163 भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों को जोड़ता है, के लिए नेटवर्क के उपयोग को भी बढ़ावा देते हैं।
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परिसंपत्ति पुनर्प्राप्ति; चोरी की गई या अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को उनके असली मालिकों, अक्सर उन देशों और लोगों को लौटाने की प्रक्रिया है जिन्हें भ्रष्ट अधिकारियों ने उनके संसाधनों से वंचित कर दिया है। परिसंपत्ति पुनर्प्राप्ति; न केवल न्याय और जवाबदेही का मामला है, बल्कि भविष्य में भ्रष्टाचार को रोकने, सार्वजनिक विश्वास बहाल करने और सतत विकास की सहायता करने का एक साधन भी है। एसीडब्यूस जी ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए परिसंपत्ति पुनर्प्राप्ति तंत्र को सुदृढ़ करने पर उच्च-स्तरीय सिद्धांतों को अपनाया, जो जी-20 देशों और अन्य हितधारकों को इस क्षेत्र में अपने कानूनी ढांचे, संस्थागत क्षमताओं और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। सिद्धांत और सर्वोत्तम प्रथाएं कुछ चुनौतियों और बाधाओं, जो प्रभावी संपत्ति वसूली में बाधा डालती हैं, पर भी ध्यातन देती हैं, जैसे कि कानूनी प्रणालियों में अंतर, क्षमता की कमी, या प्रासंगिक तंत्रों के बीच समन्वय की कमी। संपत्ति रिकॉर्ड, कंपनी रजिस्टर या लाभकारी स्वामित्व जानकारी जैसे ओपन-सोर्स सूचना और संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के तरीके पर ध्यान केंद्रित करने के द्वारा, ये सिद्धांत चोरी की गई परिसंपत्तियों का अधिक प्रभावी ढंग से पता लगाने के बारे में ठोस सुझाव देते हैं।
वीमेन-20 एंगेजमेंट ग्रुप
यूएनओडीसी भ्रष्टाचार विरोधी रणनीतियों में जेंडर आयामों पर भारतीय जी20 अध्यिक्षता के फोकस और भ्रष्टाचार को रोकने तथा मुकाबला करने में महिलाओं की पूर्ण, समान और सार्थक भागीदारी तथा नेतृत्व सुनिश्चित करने के लक्ष्य का भी स्वागत करता है। वीमेन-20 एंगेजमेंट ग्रुप बिना किसी संदेह के अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाना जारी रखेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जेंडर विचारों को जी20 चर्चाओं में मुख्यधारा में लाया जाए और जी20 नेताओं की घोषणा में उन नीतियों और प्रतिबद्धताओं के रूप में कार्यान्वित किया जाए, जो जेंडर समानता और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देती हैं।
जैसा कि अगस्त में कोलकाता में एकत्र हुए भ्रष्टाचार विरोधी जी-20 मंत्रियों द्वारा जोर दिया गया था, अब उन प्रतिबद्धताओं को कार्यान्वित करने का समय आ गया है जिन पर देशों ने सहमति व्यक्त की थी। जी-20 देश अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संपत्ति पुनर्प्राप्ति प्रक्रियाओं की दक्षता में सुधार करने के लिए एक-दूसरे के साथ और वैश्विक समुदाय के साथ काम कर सकते हैं, जिसमें उन देशों के साथ निकटता से सहयोग करना और तकनीकी सहायता प्रदान करना शामिल है, जो सतत विकास के लिए अत्यंात आवश्यक चोरी की संपत्तियों को पुनर्प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना करते हैं।
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इस दिसंबर में, भ्रष्टाचार के विरूद्ध संयुक्त राष्ट्र समझौते के पक्षधर देशों के सम्मेलन के दसवें सत्र में, ये देश भ्रष्टाचार के विरूद्ध संयुक्त राष्ट्र समझौते, जो वास्तव में एकमात्र वैश्विक कानूनी रूप से बाध्यकारी विरोधी है, को अपनाने के लिए एक साथ आए, उसके ठीक बीस साल बाद अब अटलांटा में एकत्रित होंगे। यह उस प्रगति का जायजा लेने का अवसर होगा जो हमने यह सुनिश्चित करने में की है कि भ्रष्ट लोगों को दंड से छूट न मिले और वे अपनी चुराई गई परिसंपत्तियों को सुरक्षित ठिकानों में छिपा न सकें।
*ब्रिगिट भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराध शाखा की निगरानी करती है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र समझौते के कार्यान्वयन के लिए देशों को नीति, मानक और ठोस समर्थन प्रदान करने के लिए उत्तंरदायी है।
यह शाखा भ्रष्टाचार से संबंधित विभिन्न विषयगत क्षेत्रों, जैसे रोकथाम, शिक्षा, परिसंपत्ति पुनर्प्राप्ति, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, आपराधिक न्याय प्रणाली में अखंडता और खेल में तकनीकी सहायता प्रदान करती है।
(लेखक संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) में भ्रष्टाचार एवं आर्थिक अपराध शाखा की प्रमुख हैं।)