कई अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान समय समय पर विश्व के समस्त देशों की रैंकिंग कई मानकों पर तय करते हैं। हाल ही में कई ऐसे संस्थानों ने अपने नतीजों की घोषणा की है जिनमें लगभग सभी में भारत ने अपनी रैंकिंग में लम्बी छलांग लगाई है।
यूनाइटेड नेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में बहुआयामी गरीबी की दर जो वर्ष 2006 में 55.1 प्रतिशत थी वह वर्ष 2016 में घटकर 27.9 प्रतिशत हो गई। इन 10 वर्षों के दौरान भारत में, 27.10 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाल लिया गया है। भारत पूरे विश्व में इस नजरिए से प्रथम स्थान पर रहा है। बहुआयामी गरीबी को नापने के पैमाने में मुख्यत: तीन मानक शामिल हैं - स्वास्थ्य, शिक्षा और नागरिकों का जीवन स्तर। भारत में इन 10 वर्षों के दौरान गरीबों के पास सम्पति में वृद्धि, खाना पकाने के ईंधन की उपलब्धता, स्वच्छता व पोषण के क्षेत्रों में अच्छी प्रगति देखने को मिली है। इन क्षेत्रों के अलावा बिजली और आवास की उपलब्धता बढ़ी है। साक्षरता दर में भी सुधार हो रहा है।
वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व यात्रा पर्यटन प्रतियोगी सूची में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 के 40वें स्थान से ऊपर उठकर वर्ष 2019 में 34वें स्थान पर आ गई। यह रैंकिंग फोरम द्वारा हर 2 वर्ष में जारी की जाती है। वर्ष 2015 में भारत की रैंकिंग 52वें स्थान पर थी। यानी पिछले 4 वर्षों में भारत ने 18 पायदान की छलांग लगाई है। एशियाई देशों में निम्न मध्य-आय श्रेणी के देशों में केवल भारत ही एक ऐसा देश है जो इस सूची में प्रथम 35 स्थानों के अंदर अपनी जगह बना पाया है।
अनुसंधान संस्था ‘नीलसन’ के हाल ही के आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, जून 2019 को समाप्त तिमाही में भारत में उपभोक्ता विश्वास सूचकांक का स्तर पूरे विश्व में सबसे अधिक पाया गया है। भारत 138 अंकों के साथ प्रथम पायदान पर रहा है और यह स्तर पिछले 6 तिमाहियों के दौरान का सबसे ऊंचा है। इस सर्वेक्षण में दक्षिण कोरिया को 56, जापान को 79, ताईवान को 84, सिंगापुर को 92, ऑस्ट्रेलिया को 94, चीन को 115 और इंडोनेशिया को 126 अंक मिले हैं। इसी प्रकार, वैश्विक प्रतिस्पर्धी सूचकांक में कुल 137 देशों के बीच भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 के 63वें स्थान से ऊपर उठकर वर्ष 2019 में 40वें स्थान पर आ गई। यह रैंकिंग विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी की जाती है। वैश्विक नवाचार सूचकांक में 129 देशों के बीच भारत की रैंकिंग वर्ष 2015 के 81वें स्थान से सुधरकर वर्ष 2019 में 52वें स्थान पर आ गई। व्यापार करने में आसानी के विश्व बैंक के सूचकांक में विश्व के 190 देशों के बीच भारत का स्थान वर्ष 2014 में 142वां था जो वर्ष 2018 में 77 हो गया। अमेरिकी कम्पनी ब्लूमबर्ग ने नेशन ब्राण्ड 2018 सर्वे में भारत को निवेश के लिहाज से एशिया में प्रथम स्थान पर रखा है।
भारत की स्थिति में सुधार के लिए देश में धरातल स्तर पर जाकर व्यवस्थाओं में सुधार किया गया है। व्यवसाय करने सम्बंधी कई नियमों को आसान बनाया गया है। उदाहरण के तौर पर पहिले बिजली कनेक्शन लेने के लिए उद्योगों को कई माह लग जाते थे, अब कुछ दिनों के भीतर ही बिजली कनेक्शन मिलने लगा है। इसी तरह, कम्पनी के रजिस्ट्रेशन के लिए पहले कई हफ्ते लग जाते थे अब कुछ ही घंटों में कम्पनी का रजिस्ट्रेशन हो जाता है। इस प्रकार, अब विश्व के देशों का भी ध्यान भारत में हो रहे विभिन्न सुधारों की ओर जा रहा है।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)