पाकिस्तान खुद पहल क्यों नहीं करता?

लाहौर और कराची हवाई अड्डों से उड़नेवाले पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के विशेष जहाजों से उन्हें भारत आने दिया जाए।

Written By :  Dr. Ved Pratap Vaidik
Published By :  Monika
Update:2022-01-26 12:35 IST

पाकिस्तान- भारत का झंडा (फोटो : सोशल मीडिया )

पाकिस्तान ने अभी-अभी नई सुरक्षा नीति प्रचारित (security policy) की थी, जिसमें भारत (relationship with india) से सहज संबंध बनाने की वकालत की गई थी और अब उसने भारतीय विदेश मंत्रालय ( Indian Ministry of External Affairs) को एक नया प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में भारत से मांग की गई है कि पाकिस्तान के मुस्लिमों, हिंदुओं और सिखों को अपने-अपने तीर्थों (pilgrimage) में जाने की हवाई सुविधा (air facility)  दी जाए। यानी लाहौर और कराची हवाई अड्डों से उड़नेवाले पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के विशेष जहाजों से उन्हें भारत आने दिया जाए। तीर्थयात्रियों को वीज़ा भी दिए जाएं ! यह मांग पाकिस्तान की हिंदू कौंसिल के नेता रमेश वंकवानी (Ramesh Vankwani) ने एक पत्र में की है, जिसे पाकिस्तानी उच्चायोग ने हमारे विदेश मंत्रालय को सौंपा है।

इसका अर्थ क्या हुआ? यही न, कि पाकिस्तानी सरकार इस मांग का समर्थन करती है। यह तो बहुत अच्छी बात है। पाकिस्तान सरकार के इस रवैए का स्वागत किया जाना चाहिए लेकिन इमरान सरकार ऐसी मांग का समर्थन करने के पहले यह क्यों नहीं बताती कि उसने पिछले माह भारतीय तीर्थयात्रियों को पाकिस्तानी एयर लाइंस के जहाजों से पाकिस्तान क्यों नहीं जाने दिया? नवंबर में उसने शारजा-श्रीनगर उड़ानों को भी अनुमति नहीं दी। 2019 से ही पाकिस्तानी उड़ानों पर पाकिस्तान ने प्रतिबंध थोप रखा है। अब पाकिस्तान अपने तीर्थयात्रियों की हवाई उड़ानों का समर्थन कर रहा है लेकिन 1947 से अभी तक उन्हें सिर्फ थलमार्ग से ही जाने की अनुमति थी।

भारत द्वारा भेजे जानेवाले अनाज अभी वागाह बार्डर पर पड़े-पड़े सड़ रहे 

हिंदू तीर्थयात्री नवंबर में लंदन, दुबई और स्पेन आदि से तो जहाज की यात्रा करके पेशावर पहुंचे थे लेकिन भारतीयों पर वह प्रतिबंध अभी तक कायम है। भारत तो मुस्लिम तीर्थयात्रियों को अजमेर शरीफ, निजामुद्दीन दरगाह और अन्य जगहों पर जाने के लिए जहाज-यात्रा की सुविधा दे देगा लेकिन पाकिस्तान भी तो कुछ उत्साहवर्द्धक इशारा करे। उसका हाल तो इतना विचित्र है कि उसे अफगानिस्तान के मुस्लिम भाइयों की जान की भी परवाह नहीं है। भारत द्वारा भेजे जानेवाले 50 हजार टन अनाज और डेढ़ टन औषधियों के थैले अभी वागाह बार्डर पर पड़े-पड़े सड़ रहे हैं लेकिन इमरान सरकार के सिर पर जूं भी नहीं रेंग रही है। पता नहीं, पाकिस्तान भारत से इतना क्यों डरा रहता है? एयर इंडिया की उड़ाने उसने अपने यहां आने से 2008 में रोकी थीं। आज भी वही ढर्रा चल रहा है। पाकिस्तान के सिंधी नेता वंकवानी बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने रास्ते खोलने की यह पहल की है। मुझे विश्वास है कि भारत और पाकिस्तान दोनों की सरकारें थोड़ा साहस दिखाएंगी और इसी बहाने सार्थक और बड़े संवाद की शुरुआत करेंगी। पाकिस्तान अगर खुद पहल करे तो भारत पीछे नहीं रहेगा।

(लेखक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष हैं)

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