लाखों उम्मीदें टूट चुकीं, करोड़ों दिल टूटे मिले...

ज़िंदगी में तुझको प्यार करने के सिवा कोई काम न हो, धंधा-नौकरी छोड़ो, तुमको देखने से बड़ा कोई काम न हो।

Written By :  Shashwat Mishra
Published By :  Ashiki
Update: 2021-06-01 14:45 GMT

कांसेप्ट इमेज (Photo-Social Media)

ज़िंदगी में तुझको प्यार करने के सिवा कोई काम न हो,

धंधा-नौकरी छोड़ो, तुमको देखने से बड़ा कोई काम न हो।


इस हल-चल में, इन हालातों में, अब कोई शाम न हो

हो भी अग़र कोई सांझ, तो उसमें कोई पैगाम न हो।

झेल रहे हैं एक गुनाह हम अपने पड़ोसी का,

दुआ करें कि उस पड़ोसी के हाथ में जाम न हो।

लाखों उम्मीदें टूट चुकीं, करोड़ों दिल टूटे मिले

अब किसी के अश्क़ों में किसी का नाम न हो।

मैंने भी तसल्ली से बितानी चाही रातें अपनी,

दुआ है अब उनमें किसी का कोई कलाम न हो।


गुनाह किसी का किसी के मत्थे आ गया,

उम्मीद है कि अब कोई सबूत नीलाम न हो।

मैं तो देख लेता हूं तुम्हें, जहां तुम होती भी नहीं

पर किसी और की ज़िंदगी में सूनी बाम न हो।

~शाश्वत

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