प्रवासी पक्षी का रखें ख्याल, होगा सर्वत्र लाभ

हर साल मई के दूसरे शनिवार को विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाया जाता है। इस बार ये 8 मई को मनाया जाएगा।

Written By :  rajeev gupta janasnehi
Published By :  Shreya
Update:2021-05-07 20:19 IST

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

लखनऊ: पूरे विश्व भर में पक्षियों की लुप्त होती प्रजातियों और प्रवासी पक्षियों में आई कमी को ध्यान में रखते हुए विश्व प्रवासी पक्षी दिवस (World Migratory Bird Day) को मई के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। जिस तरह से पूरे विश्व में प्रवासी पक्षियों की प्रजाति लुप्त हो रही उससे सभी चिंतित है। इसका मुख्य उद्देश्य संकटग्रस्त प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों के संरक्षण की आवश्यकता पर जागरूकता उत्पन्न करनी है।

2006 से मनाया जा रहा है प्रवासी पक्षी दिवस

सर्व प्रथम वर्ष 2006 के दूसरे शनिवार को विश्व प्रवासी पक्षी दिवस (World Migratory Bird Day) मनाया गया था। इस बार विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 8 मई 2021 को मनाया जा रहा है। जिससे की मानव प्रजाति किसी भी प्रवासी पक्षियों का शिकार न करें।

प्रवासी पक्षी से होता है पर्यावरण को लाभ 

दुनिया में घटती पक्षियों की संख्या का होना पर्यावरण के लिए नुकसान देय होता है। जीवन के विविध रूपों में पक्षी जैसे अपने रंग रूप आकर आवाज के कारण सबसे अधिक आकर्षक / मोहित करने वाला रूप होता है। विभिन्न प्रवासी पक्षी प्रवास के लिए सैकड़ों मील की दूरी तक यात्रा करते हैं और जलस्रोत के किनारे दो से तीन महीने के लिए अपना डेरा डालने के बाद लौट जाते हैं।ख़ास बात है यह जिस रास्ते से आते हैं उसी से लौटते हैं। यह जलवायु के अनुसार साल में दो बार, एक बार मई, दूसरी बार अक्टूबर में आते हैं। जहां इनके लिए भोजन प्रजनन हेतु आवास उनकी शारीरिक संरचना के अनुकूल वातावरण रहता है।

उड़ते हुए पक्षी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

आगरा प्रवासी पक्षियों के लिए अनकूल

आगरा मंडल में या यू कहें आगरा के पर्यटन के क्षेत्र जैसे कीठम, पटना पंछी बिहार, भरतपुर बर्ड सेंचुरी इनके प्रवास स्थल हैं। दूसरे देश से आने वाले पक्षियों को जब वहां अनुकूल मौसम नहीं मिलता है, तो वह दूसरे देश का रुख करते हैं। जहां सर्दी ज्यादा पड़ती है, तो प्रवास पर निकलते हैं और जहां गर्मी ज्यादा पड़ती है तो ठंडे इलाकों की तरफ प्रवास करने निकलते हैं। तिब्बत, मंगोलिया, चीन, आस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी पक्षी प्रवास पर निकलते हैं। एक झुंड में यह चलते हैं और 20 से 25 दिन तक कुछ समय कहीं ठहरने के पश्चात मूवमेंट कर सकते हैं।

क्या कहते है पर्यावरण विशेषज्ञ

इस दिवस के दौरान देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यमों से सरकार को लोकल लोगों को पक्षियों के प्रति जागरूकता फैलाना है। हमें रोटी कपड़ा और मकान की ज़रूरत होती है। इसी तरह सभी तरह के जानवरों को होती है। अतः सरकार को बर्ड्ज़ के खाने व रहने की सुरक्षा के लिए बजट के साथ अच्छे Wilidlifer स्टाफ होना चाहिए। हमें छात्रों का इंट्रेस्ट और अवेर्नेस उत्पन्न करते रहना होगा।

आगरा प्रवासी पक्षियों से बढ़ाए पर्यटन

सरकार के इस जागरूकता अभियान को आगे बढ़ने में प्रवासी पक्षी दिवस पर नागरिकों को मानव प्रजती इस समय लुप्त हो रहे। पक्षियों का शिकार न करें। जिससे कि विश्व से लुप्त होती प्रजतियों को बचाया जा सकें। आगरा में प्रवासी पक्षियों को अनकूल परिस्थिति बनी रहे ताकि पर्यावरण के साथ पर्यटन को भी बढ़ाया जा सके।

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