राजभर के इस बयान से संत समाज में मच सकती है खलबली, जानें क्या है ये पूरा मामला

Update: 2018-10-09 07:41 GMT

सुल्तानपुर: अपने बयानों से योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले बीजेपी के सहयोगी मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने राम मंदिर मुद्दे पर आग में घी डालने वाला बयान दिया है। कादीपुर के डाक बंगले में मीडिया से बात करते हुए राजभर ने मंदिर निर्माण के लिए चल रहे संतों के धरना-प्रदर्शन को ड्रामा बताया है। ऐसे में अब राजभर के इस बयान के बाद संत समाज में खलबली मच सकती है।

पिछड़ों को हिस्सेदारी की बात आने पर होता है ड्रामा

यूपी के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग विभाग के कैबिनेट मंत्री राजभर इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने कहा जब-जब पिछड़ों को हिस्सेदारी की बात आती है तब कोई न कोई ड्रामा आ जाता है। जब कोर्ट में मामला विचाराधीन है और संविधान की शपथ लेकर के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और हम बैठे हैं तो संविधान के दायरे में ही काम करेंगे। या तो कोर्ट से फैसला आए या दोनों पक्षों के रजामंदी हो तभी ये मंदिर बन सकता है। ये धरना-प्रदर्शन करना एक ड्रामा है और कुछ नहीं।

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वहीं आरक्षण की बात करते हुए मंत्री ने कहा कि गरीब सभी जातियों में है इसलिए आरक्षण का आधार आर्थिक होना चाहिए। मंत्री राजभर ने एससी-एसटी एक्ट परिवर्तन की निंदा किया और कहा कि ये सरासर अन्याय है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बदलना अनुचित है।

4 साल में 15 लाख कौन कहे नहीं आया एक पैसा

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आलम ये है कि उनकी बात उनके वित्त मंत्री एवं वित्त सचिव मानते ही नहीं। मुख्यमंत्री द्वारा पिछड़े वर्ग की छात्रवृति का आदेश करने के ढाई माह बाद भी छात्रों को छात्रवृति का लाभ नहीं मिला। एक बार फिर सरकार पर हमलावर होते हुए मंत्री ने कहा कि दुर्घटनाओं में भी सरकार जाति देख कर आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।

प्रदेश सरकार के साथ राजभर ने केंद्र की मोदी सरकार को भी निशाने पर रखा। कहा 4 साल बीत जानें के बाद भी 15 लाख कौन कहे एक पैसा नहीं आया। प्रधानमंत्री की जनधन खाते में पैसा भेजने की बात अब जुमला बनती जा रही है।

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