अन्य बीमारियों के इलाज के लिए सरकारी OPD शुरू करे सरकार: अखिलेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना संकट में अन्य गम्भीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के प्रति चिंता जाहिर करते हुए सरकार से मांग की है।

Update: 2020-04-16 14:17 GMT

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना संकटकाल में अन्य गम्भीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के प्रति चिंता जाहिर करते हुए सरकार से मांग की है। उन्होने कहा, इमरजेंसी के इस दौर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं ही गरीबों का एक मात्र सहारा हैं, इसलिए सरकार को निश्चित दूरी बनाकर मरीजों का ओपीडी में इलाज जल्द शुरू करना चाहिए, क्योंकि आम आदमी टेली-मेडिसिन का फायदा नहीं उठा सकता है।

सरकार कोविड-19 जांच बढ़ाए, सपा अध्यक्ष ने उठाई मांग

सपा अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा है कि सरकार कोविड-19 जांच बढ़ाए, जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी कोरोना संक्रमितों की वास्तविक संख्या सामने आ पाएगी। क्वाॅरंटाइन सेंटरों में अव्यवस्था दूर कर लोगों को क्वाॅरंटाइन किया जाए। बाहर फंसे लोगों को खाना, ठिकाना, सुरक्षा दी जाए। कोरोना योद्धाओं को समय से वेतन, बेहतर रक्षाकिट तथा पोषक भोजन दिया जाए।

लोगों से की ये अपील

उन्होंने अपील की कि जिन्हें भी वायरस से पीड़ित होने के लक्षण दिखें, उन्हें स्वयं जांच के लिए आगे आना चाहिए। उन डाक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों तथा पुलिस कर्मियों का सहयोग और सम्मान करना चाहिए जो अपना जीवन दांव पर लगाकर आपकी जान बचा रहे हैं। सरकार को भी लोगों को डराकर नहीं बल्कि विश्वास में लेकर सभी के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

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स्वास्थ्यकर्मी मास्क-सैनिटाइजर और वेतन न मिलने से कर रहे प्रदर्शन

सपा मुखिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बदहाल क्वाॅरंटाइन सेंटरों में भारी दुर्दशा है। स्वास्थ्यकर्मी मास्क, सैनिटाइजर, वेतन न मिलने पर रोज प्रदर्शन कर रहे हैं। आगरा के क्वाॅरंटाइन सेंटर में 20 से ज्यादा बच्चे दूध के लिए तड़पते रहे। मुख्यमंत्री और अधिकारी क्या कर रहे है?

अखिलेश ने किया सवाल- मुख्यमंत्री और अधिकारी क्या कर रहे है?

तमाम दावों के बावजूद कई हाॅटस्पाट में फंसे लोगों की जिंदगी नर्क हो गई है। वहां लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार को यमुना के रेत में पड़े भूखों-प्यासों के प्रति मानवीय संवेदना का परिचय देना चाहिए।

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क्या लाॅकडाउन में इस दिन के लिए दर-बदर ठोकर खाना उनकी नियति बन गयी है? आखिर इस सब के लिए जिम्मेदार कौन है? सरकार को इसका समाधान तत्काल खोजना चाहिए। श्रमिकों का पलायन गम्भीर समस्या है। राहत पहुंचाने का तत्काल रास्ता निकलना चाहिए।

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