पूर्वांचल में मुस्लिम वोटों की जंग, अखिलेश-ओवैसी के बयानों से सियासी माहौल गरमाया

ओवैसी ने सपा सुप्रीमो अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान मुझे 12 बार पूर्वांचल का दौरा करने से रोका गया। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ दंगों के बाद वे 2016 में ही आजमगढ़ आना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन अखिलेश सरकार ने उन्हें आने नहीं दिया।

Update:2021-01-13 13:15 IST
पूर्वांचल में मुस्लिम वोटों की जंग, अखिलेश-ओवैसी के बयानों से सियासी माहौल गरमाया

लखनऊ: पूर्वांचल में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के दौरे से सियासी माहौल गरमाने लगा है। मंगलवार को वाराणसी पहुंचे ओवैसी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने मुझे 12 बार पूर्वांचल आने से रोका था। इस कारण मैं चाहकर भी पूर्वांचल का दौरा नहीं कर सका।

दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सपा के गढ़ में ओवैसी के आगमन को भाजपा का खेल बताया। सियासी जानकारों का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव की तरह ओवैसी की नजर मुस्लिम वोट बैंक पर है और वे इस वोट बैंक को साधने के लिए ही पूर्वांचल पहुंचे हैं।

ओवैसी ने बोला सपा पर हमला

पूर्वांचल के दौरे पर पहुंचे ओवैसी ने कहा कि सुभासपा से गठबंधन के बाद मैं ओमप्रकाश राजभर से दोस्ती निभाने आया हूं। ओवैसी ने आजमगढ़ में कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा बनने के बाद सपा की जमीन खिसक चुकी है। सपा के गढ़ में चुनावी बिगुल फूंकते हुए ओवैसी ने विपक्ष पर हमला करते हुए अपने इरादे जाहिर कर दिए। इस बात के साफ संकेत हैं कि बिहार की तर्ज पर ही ओवैसी भाजपा की बजाय सपा और बसपा पर ज्यादा निशाना साधेंगे। एआईएमआईएम और सुभासपा के गठबंधन के बाद पूर्वांचल की धरती पर सियासी सरगर्मी काफी तेज हो गई है।

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पूर्वांचल का दौरा करने से रोका

ओवैसी ने सपा सुप्रीमो अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान मुझे 12 बार पूर्वांचल का दौरा करने से रोका गया। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ दंगों के बाद वे 2016 में ही आजमगढ़ आना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन अखिलेश सरकार ने उन्हें आने नहीं दिया।

(फोटो- सोशल मीडिया)

मुस्लिम वोट बैंक पर ओवैसी की नजर

पूर्वांचल में ओवैसी के पहली बार आने के बाद सियासी दलों में हलचल की स्थिति दिख रही है। सियासी जानकारों का कहना है कि ओवैसी की नजर मुस्लिम वोट बैंक पर टिकी है। अभी तक मुस्लिम वोट बैंक का बड़ा हिस्सा सपा के साथ माना जाता रहा है मगर ओवैसी की एंट्री से सपा को झटका लगने की संभावना जताई जा रही है।

ओवैसी के पूर्वांचल दौरे का पंचायत चुनाव पर भी असर पड़ना तय माना जा रहा है। मंगलवार को ओवैसी और राजभर के दौरे के साथ ही सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी जौनपुर का दौरा किया। दोनों नेताओं के पूर्वांचल के सियासी दौरे से विधानसभा चुनाव की तैयारी साफ तौर पर छलक रही है।

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जनसरोकार के मुद्दे उठाएंगे ओवैसी

सपा पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि सपा के नेता खुद को भाजपा का विकल्प बताते हैं मगर अगर इस दावे में सच्चाई होती तो लोकसभा चुनाव में सपा की इतनी बुरी हार नहीं होती। उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में हम पढ़े-लिखे नौजवानों को रोजगार और बिजली विधेयक जैसे जनसरोकार के मुद्दों के सहारे मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तो हमने उत्तर प्रदेश में सिर्फ शुरुआत की है। आगामी दिनों में हम उत्तर प्रदेश के कोने-कोने का दौरा करेंगे।

राजभर का भाजपा पर हमला

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सपा के बजाय भाजपा पर ज्यादा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपनी औकात पता लग जाएगी। उन्होंने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चे का गठन प्रदेश में कई पार्टियों से विचार-विमर्श के बाद किया गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद हम स्नातकोत्तर तक निशुल्क शिक्षा, घरेलू बिजली बिल की माफी व प्रदेश में भाईचारे का माहौल बनाने का काम करेंगे। जाति और धर्म की राजनीति को प्रदेश से खत्म किया जाएगा।

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(फोटो- ट्विटर)

अखिलेश बोले-भाजपा के हाथों में खेल रहे ओवैसी

दूसरी ओर जौनपुर के दौरे पर पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा कि ओवैसी भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं। जौनपुर में स्वर्गीय पारसनाथ यादव की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज हो रहे मुकदमों से साफ है कि भाजपा न कानून पर भरोसा करती है और न संविधान पर।

कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग

उन्होंने कहा कि किसान हित में सरकार को कृषि कानूनों को वापस ले लेना चाहिए। सच्चाई तो यह है कि भाजपा सरकार किसानों की आवाज को अनसुना कर रही है।

सपा मुखिया ने कोरोना वैक्सीन पर कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि गरीबों को यह वैक्सीन कब तक लगेगी और गरीबों के लिए इस वैक्सीन को फ्री किया जाएगा या नहीं। वैक्सीन लगवाने के सवाल पर अखिलेश यादव बचते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि हमें देश के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों पर तो पूरा भरोसा है मगर भाजपा वालों पर नहीं।

रिपोर्ट: अंशुमान तिवारी

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