गुलाम नबी आजाद पर जमकर बरसे ओवैसी-कांग्रेस छोड़ने की दे दी नसीहत

Update:2020-08-30 11:23 IST
ओवैसी ने कहा कि आजाद ने एआईएमआईएम को भारतीय जनता पार्टी की बी टीम कहा था। आज उनकी पार्टी के लोग खुद उन्हें ही भाजपा की कठपुतली बता रहे हैं।

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद पर जमकर हमला बोला है। ओवैसी ने गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस छोड़ने की नसीहत दी है।

उन्होंने एआईएमआईएम की ऑनलाइन रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर चल रहे आंतरिक घमासान को लेकर आजाद के लिए कहा कि यदि आपमें आत्मसम्मान है तो आप तत्काल पार्टी छोड़ दें। वे जलसा शहादत-ए-इमाम हुसैन के मौके पर आयोजित ऑनलाइन रैली को संबोधित कर रहे थे।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की फाइल फोटो

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आज कांग्रेस के लोग आजाद को बता रहा बीजेपी की कठपुतली: ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि आजाद ने एआईएमआईएम को भारतीय जनता पार्टी की बी टीम कहा था। आज उनकी पार्टी के लोग खुद उन्हें ही भाजपा की कठपुतली बता रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दौरान कांग्रेस की एक वरिष्ठ महिला नेता ने आजाद से पूछा कि जब जम्मू कश्मीर के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को मोदी सरकार ने नजरबंद कर दिया था, आपको क्यों नहीं टच किया गया?

कथित रूप से कहा गया कि यह कांग्रेस पार्टी है, जिसने आजाद को बड़ा नेता बनाया। ओवैसी ने आजाद को कांग्रेस छोड़ने की नसीहत दी।

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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की फाइल फोटो

आजाद से क्यों खफा है कांग्रेस आलाकमान

बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस कार्य समिति की बैठक(सीडब्ल्यूसी) से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेटर लिखकर पार्टी में ऊपर से नीचे तक व्यापक स्तर पर बदलाव करने की मांग की थी।

नेताओं की मांग थी कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की बहाली के लिए संगठन चुनाव कराए जाएं। इस पत्र पर कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने भी दस्तखत किए थे।

गुलाम नबी आजाद ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। गुलाम नबी आजाद पर आरोप है कि वे ही इस मुहिम का नेतृत्व कर रहे थे।

सीडब्ल्यूसी में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पत्र की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए थे। इस मुहिम में शामिल नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत और उनके नेताओं के इशारे पर काम करने के आरोप भी लगे थे।

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