सबरीमाला मंदिर की तरह ही राम मंदिर पर भी सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला देना चाहिए: योगी

Update: 2018-10-28 05:40 GMT

लखनऊ: चुनाव आते ही राम मंदिर का मामला एक बार फिर से तूल पकड़ने लगा है। चाहे वह विश्व हिन्दू परिषद के नेता हों और फिर चाहे वह बीजेपी के मंत्री सभी ने अयोध्या मामले पर बोलना शुरू ​कर दिया है। वहीं अब इस मामले पर पर साधु संतों ने भी अपने क्रियाकलापों को तेज कर दिया है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राम मंदिर पर एक बड़ा बयान दिया है।

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दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सबरीमाला मंदिर की तरह ही राम मंदिर पर भी अपना फैसला देना चाहिए। सीएम ने अपने इस बयान में कहा कि राम मंदिर का विषय धार्मिक मामला है और इसे राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।

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सीएम योगी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव की स्थिति नहीं होनी चाहिए। अगर उच्चतम न्यायालय सबरीमाला मंदिर पर अपना फैसला सुना सकता है तो हमारी अपील है कि कोर्ट को राम मंदिर के मुद्दे पर भी फैसला देना चाहिए।' सीएम योगी ने कहा कि इस मामले को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए, क्योंकि यह करोड़ों लोगों की धार्मिक भावना का विषय है।

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29 अक्टूबर से शुरू होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले की सुनवाई अब 29 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। इस मामले में मुख्य पक्षकार राम लला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और हिंदू महासभा हैं। इसके अलावा अन्य कई याची जैसे सुब्रमण्यन स्वामी आदि की अर्जी है जिन्होंने पूजा के अधिकार की मांग की हुई है लेकिन सबसे पहले चार मुख्य पक्षकारों की ओर से दलीलें पेश की जाएंगी।

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