बिहार चुनावः एग्जिट पोल के नतीजों से महागठबंधन उत्साहित, किया ये बड़ा दावा

महागठबंधन का दावा है कि यह विधानसभा चुनाव बिहार में बदलाव का संदेश देगा क्योंकि बिहार की जनता ने शिक्षा, रोजगार, विकास और कानून व्यवस्था में सुधार लाने के लिए मतदान किया है।

Update:2020-11-08 09:46 IST
महागठबंधन का दावा है कि यह विधानसभा चुनाव बिहार में बदलाव का संदेश देगा क्योंकि बिहार की जनता ने शिक्षा, रोजगार, विकास और कानून व्यवस्था में सुधार लाने के लिए मतदान किया है।

अंशुमान तिवारी

पटना: बिहार में तीसरे और आखिरी चरण का मतदान समाप्त होने के बाद अब हर किसी की नजर चुनाव नतीजों पर टिकी हुई है। एग्जिट पोल के नतीजों से राजद की अगुवाई वाला महागठबंधन काफी उत्साहित है और उसने बिहार में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा किया है।

महागठबंधन का दावा है कि यह विधानसभा चुनाव बिहार में बदलाव का संदेश देगा क्योंकि बिहार की जनता ने शिक्षा, रोजगार, विकास और कानून व्यवस्था में सुधार लाने के लिए मतदान किया है। दूसरी ओर जदयू ने बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने का दावा किया है। जदयू का दावा है कि इस बार भी हमारी जीत होगी और एनडीए हैट्रिक लगाने में कामयाब होगा।

जदयू को हो सकता है इस बार नुकसान

बिहार के विधानसभा चुनाव में इस बार कौन बाजी मारेगा, इस बात का खुलासा तो 10 नवंबर को ही होगा मगर शनिवार की शाम मतदान खत्म होने के बाद अधिकांश एग्जिट पोल में महागठबंधन सत्ता के दरवाजे पर दमदार दस्तक देते हुए दिखा।

अधिकांश एग्जिट पोल के मुताबिक 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में एनडीए और खासकर जदयू को नुकसान होता दिख रहा है जबकि लोजपा दहाई की संख्या तक भी नहीं पहुंचती दिख रही है।

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चार एग्जिट पोल में महागठबंधन आगे

राज्य में बहुमत की सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत है। शनिवार की शाम आखिरी चरण का मतदान समाप्त होने के बाद आए चार एग्जिट पोल में राजद और कांग्रेस की अगुवाई वाले महागठबंधन को बढ़त मिलने की बात कही गई है। बाकी चार एग्जिट पोल में महागठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है और ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है।

महागठबंधन और एनडीए में कड़ा मुकाबला

वैसे इसके साथ एक सच्चाई यह भी है कि कई बार एग्जिट पोल गलत साबित हुआ है और एग्जिट पोल और नतीजों में काफी अंतर दिखा है। वैसे एग्जिट पोल से एक बात तो साफ है कि इस बार एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है और अभी निश्चित रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। असली सच्चाई तो 10 नवंबर को मतगणना के दिन ही उजागर होगी।

महागठबंधन ने किया सरकार बनाने का दावा

इस बीच राजद नेता और सांसद मनोज झा ने दावा किया है कि बिहार की जनता ने इस बार तेजस्वी यादव पर विश्वास जताया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन इस बार भारी मतों से चुनाव जीतने में कामयाब होगा।

बिहार के युवाओं की पहली पसंद बनकर इस बार तेजस्वी यादव ही उभरे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में पढ़ाई, कमाई, सिंचाई और दवाई का मुद्दा ही सबसे महत्वपूर्ण रहा है।

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तेजस्वी का मुख्यमंत्री बनना तय

राजद नेता मनोज झा ने कहा कि बिहार में बेरोजगारी काफी तेजी से बढ़ी है और युवा इससे त्रस्त हो चुके हैं। इसलिए राज्य की जनता ने इस बार बदलाव का मन बनाया है और तेजस्वी यादव का इस बार मुख्यमंत्री बनना तय है।

उन्होंने कहा कि आखरी चरण के मतदान के बाद जो एग्जिट पोल आए हैं वे निश्चित रूप से नतीजों में परिवर्तित होंगे और इस बारे में किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राज्य में तेजस्वी यादव की सरकार बनते ही रोजगार की बहार आ जाएगी।

एनडीए का अपनी सरकार बनने का दावा

दूसरी ओर जदयू नेता और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने दावा किया कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनना तय है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग विकास के मुद्दे को लेकर लोगों को भटकाने की कोशिश में जुटे हुए हैं,लेकिन जनता लोगों के बहकावे में आने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्य में विकास का काम तेज हुआ है।

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नीतीश के बयान का गलत अर्थ निकाला

उन्होंने कहा कि जो लोग युवाओं को रोजगार देने की बात कर रहे हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए कि यह काम हमेशा से नीतीश सरकार की प्राथमिकता में शामिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अंतिम चुनाव के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। नीतीश कुमार के बयान का यह मतलब कतई नहीं है कि वे संन्यास लेने जा रहे हैं। सच्चाई तो यह है कि नीतीश कुमार के बयान का गलत अर्थ निकाला गया है।

आखिरी चरण में 57 फ़ीसदी से ज्यादा मतदान

इस बीच बिहार विधानसभा के तीसरे और आखिरी चरण में मतदाताओं ने खूब उत्साह दिखाया। तीसरे चरण में 57.91 फ़ीसदी मतदान हुआ है।

दो जिलों की चार विधानसभा सीटों पर मतदान शाम चार बजे ही समाप्त हो गया था। तीसरे चरण में वाल्मीकिनगर संसदीय सीट के लिए भी मतदान संपन्न हुआ। लोकसभा चुनाव में 56.02 फ़ीसदी मतदान हुआ है।

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पिछले चुनाव में भी राजद था सबसे आगे

पिछले विधानसभा चुनाव में राजद 80 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद को 18 फ़ीसदी वोट मिले थे जबकि जदयू 11 फ़ीसदी वोट शेयर के साथ 71 सीटों पर विजय हासिल करने में कामयाब हुई थी। भाजपा सर्वाधिक 24 फ़ीसदी वोट शेयर पाने के बावजूद 53 सीटों पर ही जीत दर्ज करने में कामयाब हुई थी।

इस बार बदले हुए हैं समीकरण

पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू और राजद ने कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन किया था और चुनाव के बाद इन तीनों ने मिलकर सरकार बनाई थी और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे मगर इस बार समीकरण पूरी तरह बदले हुए हैं।

कांग्रेस और राजद वामदलों के साथ एक गठबंधन में हैं तो दूसरी ओर जदयू भाजपा वीआईपी और हम के साथ एनडीए गठबंधन में है। इसलिए इस बार हर किसी को चुनावी नतीजों का बेसब्री से इंतजार है।

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