बसपा: वोटों का बंटवारा रोककर खुद को कमजोर होने से बचाने पर फोकस

मायावती ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में जो कमियाँ उजागर हुई हैं। अपेक्षित परिणाम पार्टी को नहीं मिल पाए। उन्हें दूर करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

Update: 2019-02-03 10:31 GMT

लखनऊ: आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा का फोकस वोटों का बंटवारा रोकने पर है। ताकि विरोधी पार्टियां उन्हें कमजोर नहीं कर सके। बहुजन हित से जुड़े नये संगठन भी पार्टी के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं। इसलिए पार्टी सुप्रीमों मायावती लगातार पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इस बाबत सतर्क कर रही हैं।

लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी की राज्यवार समीक्षा बैठक जारी है। रविवार को सेंट्रल आफिस में बसपा मुखिया ने मध्य प्रदेश में चल रही पार्टी गतिविधियों की समीक्षा भी की।

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उन्होंने कहा कि स्वार्थी ताकतें वोटो का बंटवारा करके चुनावी स्वार्थ हासिल कर सत्ता हथियाने में महारत रखती हैं। इसीलिये सबसे पहले सर्वसमाज में पार्टी का जनाधार बढ़ाने के साथ वोटों के बंटवारे के कारण अपनी ताकत को कमजोर होने से बचाना है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे विभिन्न संगठनों से भी लोगों को सावधान रखना है। जो गुलाम मानसिकता रखते हैं और स्वार्थी ताकतों के हांथों में खेलकर डा अम्बेडकर के कारवाँ को नुकसान पहुँचाते हैं। वोटों के बंटवारे को रोककर विरोधियों की साजिशों को नाकाम करना है।

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मायावती ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में जो कमियाँ उजागर हुई हैं। अपेक्षित परिणाम पार्टी को नहीं मिल पाए। उन्हें दूर करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। मध्य प्रदेश में बीजेपी का 15 वर्षों का शासन समाप्त होने से जनता ने राहत की सांस ली हैं पर नई सरकार के शुरूआती क्रियाकलाप जनहितैषी नहीं लग रहे हैं। जुल्म-ज्यादती व सरकारी आतंक का पिछला क्रम अभी भी जारी है।

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