चिराग पासवान ने दिया भाजपा को झटका,पशुपति पारस के रहते एनडीए में नहीं होंगे शामिल
Chirag Paswan: उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जिस गठबंधन में उनके चाचा पशुपति कुमार पारस होंगे,वे उस गठबंधन में किसी भी सूरत में शामिल नहीं होंगे।
Chirag Paswan: बिहार के बदले हुए सियासी माहौल में लोजपा रामविलास के मुखिया और सांसद चिराग पासवान ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जिस गठबंधन में उनके चाचा पशुपति कुमार पारस होंगे,वे उस गठबंधन में किसी भी सूरत में शामिल नहीं होंगे। उल्लेखनीय है कि लोजपा के बागी गुट के नेता पशुपति पारस इस समय एनडीए में शामिल हैं और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी हैं। चिराग के इस बयान से साफ हो गया है कि वे फिलहाल एनडीए में शामिल होने वाले नहीं हैं।
बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलकर राजद से हाथ मिलाने के बाद दिल्ली में हुई भाजपा के बड़े नेताओं की बैठक में लोजपा के दोनों गुटों में एका कराने की रणनीति तय की गई थी। इसके जरिए भाजपा 2024 की सियासी जंग में बिहार में दलित समीकरण साधना चाहती है मगर चिराग के बयान से भाजपा की मुहिम को करारा झटका लगा है।
गठबंधन की विश्वसनीयता खत्म
मीडिया से बातचीत के दौरान चिराग ने स्पष्ट किया कि उनके लिए किसी भी ऐसे गठबंधन में शामिल होना असंभव है जिसमें उनके चाचा पशुपति कुमार पारस शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के चलते गठबंधन की विश्वसनीयता पूरी तरह से खत्म हो चुकी है।
बिहार की सियासत ऐसी हो चुकी है कि यहां पर आदमी पद पाने के लिए उस गठबंधन में शामिल हो जाता है जिसका वह पहले विरोध करता रहा है। यही कारण है कि गठबंधन के प्रति लोगों का विश्वास खत्म हो गया है। ऐसी स्थिति में मौजूदा समय में मैं किसी भी गठबंधन में शामिल होने पर विचार नहीं कर रहा हूं। चिराग ने स्पष्ट किया कि चुनाव आने के समय गठबंधन के बारे में सोच विचारकर फैसला लिया जाएगा।
चिराग को लेकर लगाए जा रहे कयास
चिराग पासवान ने बिहार में लंबे समय से नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वे 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले से ही नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था। इसी कारण बाद में उनके खिलाफ लोजपा में बगावत भी हो गई थी और पशुपति पारस की अगुवाई में पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया था। बाद में यह गुट एनडीए में शामिल हो गया था।
नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर रुख के कारण चिराग की एनडीए में वापसी को लेकर कई दिनों से कयास लगाए जा रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी चिराग ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का ही समर्थन किया था। इस कारण उनकी एनडीए में वापसी की चर्चाओं को बल मिला था मगर अब चिराग पासवान ने पशुपति पारस को लेकर बड़ा बयान दिया है।
भाजपा की कोशिशों को लगा झटका
बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने के बाद भाजपा नया सामाजिक समीकरण बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा दलित, ओबीसी और सवर्णों का समीकरण बनाकर नीतीश और राजद को झटका देना चाहती है मगर उसके लिए लोजपा के दोनों गुटों में एका होना जरूरी है। बिहार को लेकर भाजपा नेताओं की पिछले दिनों हुई बैठक में भी इस मुद्दे पर गहराई से मंथन किया गया था।
पार्टी के कई नेताओं का मानना था कि दलित समीकरण को साधने के लिए चिराग और पशुपति पारस गुट में एका होना जरूरी है। भाजपा नेता पर्दे के पीछे से इस मुहिम में जुटे हुए हैं मगर चिराग ने अब अपना रुख पूरी तरह साफ कर दिया है। वे पशुपति पारस के रहते एनडीए में शामिल होने को तैयार नहीं हैं और उनके इस रुख से भाजपा की मुहिम को करारा झटका लगा है।