लखनऊ : यूपी की योगी सरकार पर कांग्रेस का करारा हमला
देश में सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों द्वारा लगातार आंदोलन करने के बाद भी पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। जबकि वर्तमान सरकार जब विपक्ष में थी तो मुख्यमंत्री, गृह मंत्री सहित अनेकों भाजपा के सांसद एवं विधायकों द्वारा पुरानी पेंशन को बहाल किये जाने के सम्बन्ध में आवाज उठायी जाती रही है और महामहिम राज्यपाल को पत्र भी लिखा।
लखनऊ : प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों द्वारा लगातार आंदोलन करने के बाद भी पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। जबकि वर्तमान सरकार जब विपक्ष में थी तो मुख्यमंत्री, गृह मंत्री सहित अनेकों भाजपा के सांसद एवं विधायकों द्वारा पुरानी पेंशन को बहाल किये जाने के सम्बन्ध में आवाज उठायी जाती रही है और महामहिम राज्यपाल को पत्र भी लिखा। सत्ता में आने के बाद भाजपा ने सरकारी कर्मचारियों को आश्वासन भी दिया कि शीघ्र ही वह पुरानी पेंशन की बहाली के सम्बन्ध में कदम उठायेंगे परन्तु अब आदित्यनाथ सरकार वादाखिलाफी पर उतर आयी है।
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उप्र कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता रफत फातिमा ने आज जारी बयान में कहा कि लगातार लाखों कर्मचारी आये दिन राजधानी में इसके सम्बन्ध में सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं। इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षक संघ ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए आन्दोलन करने की चेतावनी दी है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार यथाशीघ्र पुरानी पेंशन बहाली के सम्बन्ध में निर्णय ले और रोजाना होने वाले शिक्षकों सहित लाखों कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण करे क्योंकि सरकारी कामकाज सहित शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है जिसके लिए प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
भाजपा नेता के बेटों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही हो
उत्तर प्रदेश में जबसे भाजपा की सरकार आयी है भाजपा के विधायकों, सांसदों और नेताओं की जहां पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ आये दिन मारपीट की घटनाएं होने से कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है वहीं अब सरकार की दमनात्मक नीतियों एवं भाजपा नेताओं की दबंगई के कारण अस्पतालों में मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। परिणाम यह है कि आजमगढ़ में सीएचसी, पीएचसी प्रभारी चिकित्सकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है और शाहजहांपुर में भाजपा नेता के बेटों सीएचसी प्रभारी को पीटने पर वहां के चिकित्सकों ने उनके विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग करते हुए सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी है, इससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार को आम जनता से कोई सरोकार नहीं रह गया है।
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रफत फातिमा ने आज जारी बयान में कहा कि चिकित्सक मरीजों की देखभाल करना चाहते हैं जबकि सरकार उन पर अनेक अनर्गल कार्यों का बोझ डाल रही है। अगर चिकित्सकों पर मरीजों के इलाज के अलावा अन्य कामों का भार डाला जायेगा तो निश्चित तौर पर मरीजों के समुचित इलाज में कठिनाइयां आयेंगीं जो आम जनता के हित में नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार को अपने विधायकों, नेताओं को यह निर्देशित करना चाहिए कि वह सरकारी कार्यालयों में मारपीट और गुण्डागर्दी बन्द करें। अराजकता के माहौल में कोई भी कार्य सुचारू रूप से नहीं चल सकता है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी भाजपा नेता के बेटों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करे जिससे चिकित्सक सुरक्षित महसूस करते हुए मरीजों का समुचित इलाज कर सकें।