कांग्रेस में नई जंग: बुजुर्ग बनाम युवा का संघर्ष, पार्टी सांसदों की बैठक में दिखा नजारा

कांग्रेस में बुजुर्ग बनाम युवा की टकरार बढ़ती ही जा रही है। कांग्रेस में पीढ़ियों के वर्चव की लड़ाई गुरूवार को पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई राज्यसभा सांसदों की बैठक में भी दिखीं।

Update: 2020-07-31 04:12 GMT
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नई दिल्ली: कांग्रेस के खराब होते हालातों में हाल के दिनों पार्टी की अंदरूनी कलाह बड़ी वजह बनकर सामने आई। इसमें कांग्रेस में बुजुर्ग बनाम युवा की टकरार बढ़ती ही जा रही है। सिंधिया और पायलट इसका उदाहरण हो सकते हैं। वहीं कांग्रेस में पीढ़ियों के वर्चव की लड़ाई गुरूवार को पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई राज्यसभा सांसदों की बैठक में भी दिखीं।

कांग्रेस में पीढ़ियों के वर्चस्व की लड़ाई

दरअसल, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरूवार को राज्यसभा सांसदों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की। कहा गया कि इस बैठक में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी। इस पर राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले एक युवा नेता ने विरोध करना शुरू कर दिया।

कपिल सिब्बल के बयान का राहुल के करीबी नेता ने किया विरोध

जानकारी के मुताबिक, पूर्व मंत्री चिदंबरम ने पार्टी का जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन कमजोर बताया तो वहीं कपिल सिब्बल ने शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक आत्मनिरीक्षण की सलाह दे डाली।

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राज्यसभा सांसद राजीव सातव बोले- UPA सरकार में होना चाहिए था आत्मनिरीक्षण

सिब्बल की सलाह पर राज्यसभा सांसद और राहुल गाँधी के करीबी राजीव सातव ने विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि कोई भी आत्मनिरीक्षण तब से होना चाहिए जब हम सत्ता में थे। उन्होंने कहा कि 2009 से 2014 तक का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रदर्शन के रिव्यू की उठाई बात

राजीव सातव ने सिब्बल पर हमलावर होते हुए कहा कि उनके प्रदर्शन का भी रिव्यू होना चाहिए। राजीव ने कहा कि अगर यूपीए-2 में समय पर आत्मनिरीक्षण हो जाता को 2014 में कांग्रेस को 44 सीटें नहीं मिलती।

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बता दें कि इस बैठक में शीर्ष के कई नेता शामिल थे। इनमे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, ए के एंटनी, गुलाम नबी आजाद, पी चिदंबरम, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल का नाम शामिल हैं।

मनीष तिवारी ने UPA पर उठाए सवाल

वहीं कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने 2014 में कांग्रेस की हार के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के रोल को लेकर कई सवाल उठाए। मनीष तिवारी ने शुक्रवार को ट्वीट करके चार सवाल पूछे। उन्होंने लिखा, 'क्या 2014 में कांग्रेस की हार के लिए यूपीए जिम्मेदार है, यह उचित सवाल है और इसका जवाब मिलना चाहिए?'

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अगर सभी समान रूप से जिम्मेदार हैं, तो UPA को अलग क्यों रखा जा रहा है? 2019 की हार पर भी मंथन होना चाहिए। सरकार से बाहर हुए 6 साल हो गए, लेकिन यूपीए पर कोई सवाल नहीं उठाए गए। यूपीए पर भी सवाल उठना चाहिए।

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