नागरिकता संशोधन विधेयक को कोर्ट में चुनौती देगी कांग्रेस, यहां पढ़ें किसने क्या कहा?
लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया। राज्यसभा में लंबी चर्चा के बाद वोटिंग से यह बिल पास हुआ। वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 125 और उसके विरोध में सिर्फ 99 मत पड़े।
नई दिल्ली: लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया। राज्यसभा में लंबी चर्चा के बाद वोटिंग से यह बिल पास हुआ। वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 125 और उसके विरोध में सिर्फ 99 मत पड़े।
जिसके बाद राज्यसभा में यह ऐतिहासिक बिल पास हो गया। अब नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। इसके बाद विधेयक पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। लेकिन उससे पहले इस बिल को कोर्ट में चैलेंज करने की तैयारी हो रही है।
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अदालत जाने की तैयारी में कांग्रेस
कांग्रेस इस विधेयक के विरोध में अदालत जाने की तैयारी कर रही है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विधेयक का भारी विरोध करने वाले कपिल सिब्बल से जब पूछा गया कि क्या वह इसे अदालत में चुनौती देंगे तो उन्होंने कहा कि देखेंगे। वहीं अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि विधेयक को अदालत में चुनौती देने की संभावना है। पी चिंदबरम ने भी ट्वीट करके विधेयक को अदालत में चुनौती देने के संकेत दिए हैं।
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पढ़ें किसने क्या कहा?
नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान पी चिदंबरम ने कहा कि यह विधेयक अदालत में गिर जाएगा। उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा यकीन है कि ये बिल अदालत में नहीं टिकेगा।
मेरे सवाल हैं कि आपने तीन देशों को ही क्यों चुना, बाकी को क्यों छोड़ा? आपने छह धर्मों को ही क्यों चुना? सिर्फ ईसाई को क्यों शामिल किया भूटान के ईसाई, श्रीलंका के हिंदुओं को क्यों बाहर रखा?'
जिसके जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि संसद को मत डराइये कि इसके दायरे में कोई कोर्ट घुस जाएगा। उन्होंने कहा, 'संसद को मत डराइये कि इसके दायरे में कोई कोर्ट घुस जाएगा भला।
हमारा काम अपनी विवेक, बुद्धि से कानून बनाना है और जो हमने किया है और मुझे यकीन है कि यह कानून अदालत में भी सही पाया जाएगा।' उन्होंने विरोधियों को बंद कमरे में आत्मा से सवाल पूछने की नसीहत दी।
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