कोर्ट ने आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी के लिए राहुल, येचुरी को समन जारी किया

शहर की एक अदालत ने पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड से कथित तौर पर आरएसएस को जोड़कर उसे बदनाम करने के आरोपों पर जवाब देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी को 30 अप्रैल को अदालत के सामने पेश होने को कहा है ।

Update: 2019-04-03 03:04 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

ठाणे: शहर की एक अदालत ने पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड से कथित तौर पर आरएसएस को जोड़कर उसे बदनाम करने के आरोपों पर जवाब देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी को 30 अप्रैल को अदालत के सामने पेश होने को कहा है ।

सिविल मानहानि मामले में राहुल गांधी और येचुरी से क्षतिपूर्ति के तौर पर प्रतीकात्मक रूप से एक रूपये की मांग की गयी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर का दावा है कि दोनों नेताओं ने लंकेश की हत्या से जोड़कर आरएसएस को बदनाम किया है।

मामले की सुनवाई कर रहे सिविल जज जे एस भाटिया ने राहुल और येचुरी को समन जारी करने का आदेश देते हुए उन्हें अदालत में पेश होने के लिए कहा।

अदालत में दायर अपनी याचिका में चंपानेरकर ने कहा है कि हिंसा की किसी भी घटना के लिए आरएसएस को दोषी ठहराना राहुल और येचुरी की आदत है और इसे रोके जाने की जरूरत है।

चंपानेरकर के वकील आदित्य आर मिश्रा ने कहा कि उनके मुवक्किल ने पिछले सप्ताह दोनों नेताओं के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी।

भाषा

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