कांग्रेस से निकाली गईं बरखा ने थामा BJP का दामन, राहुल गांधी पर लगाए थे ये आरोप

एमसीडी चुनाव से ठीक पहले दिल्ली महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह ने शनिवार (22 अप्रैल) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया।

Update: 2017-04-22 09:14 GMT

नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव से ठीक पहले दिल्ली महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह ने शनिवार (22 अप्रैल) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया। बरखा शुक्ला सिंह ने गुरुवार (20 अप्रैल) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद उन्हें कांग्रेस ने शुक्रवार (21 अप्रैल) को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। बता दें, कि रविवार (23 अप्रैल) को एमसीडी के 272 वार्डों के लिए वोटिंग होनी है।



गौरतलब है कि दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। एमसीडी चुनाव में टिकट बंटवारें से नाखुश वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए के वालिया ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

बरखा ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कई तरह के आरोप लगाए थे। बरखा ने आरोप लगाया कि उनके साथ एक साल पहले बदतमीजी की गई थी। उनका आरोप था कि अजय माकन ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उन्होंने इसकी शिकायत सोनिया गांधी से भी की शिकायत थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

क्या कहा बरखा शुक्ला सिंह ने ?

-बरखा शुक्ला सिंह ने कहा कि वह बिना किसी लालच के बीजेपी में शामिल हुई हैं।

-वह पीएम नरेंद्र मोदी के काम करने की नीतियों से प्रभावित हुई हैं।

-कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के नेताओं से मुलाकात नहीं करते।

-उन्होंने कभी पार्टी के इंटरनल इश्यूज पर बात करने की इच्छा नहीं जताई।

-इसी वजह से कई सीनियर लीडर पार्टी छोड़कर चले गए हैं।

यह भी पढ़ें ... झटके पे झटका: अब दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने पद से दिया इस्तीफा, लगाए ये आरोप

राहुल बने अध्यक्ष तो यह डिजास्टर होगा

-कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बरखा ने कहा था कि अगर राहुल गांधी से पार्टी नहीं संभल रही तो वह छोड़ दें।

-अगर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया गया तो यह डिजास्टर होगा।

-कांग्रेस नेतृत्व कमजोर है, इस बात को पार्टी का हर छोटा बड़ा नेता कहता है।

-किसी की सामने आकर बोलने की हिम्मत नहीं है।

-कांग्रेस पार्टी महिला सुरक्षा का मुद्दा काफी जोरों शोरों से उठाती हैं, लेकिन करती कुछ नहीं है।

-कांग्रेस की कथनी और करनी में काफी अंतर है।

-राहुल की लीडरशिप में कांग्रेस ने महिलाओं का इस्तेमाल सिर्फ वोट बटोरने के लिए किया।

Tags:    

Similar News