Father's Day Special: नाज हैं पिता की राजनीतिक विरासत संभालने वाले ऐसे बेटों पर
Father's Day 2021: राजनीति के क्षेत्र में विरासत संभालने का जो सिलसिला प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद इंदिरा गांधी के संभालने से शुरू हुआ तो यह रिवाज धीरे धीरे देश की परम्परा में तब्दील हो गया। राजनीति में अब इसे शुभ भी माना जाता है।
Father's Day 2021: राजनीति के क्षेत्र में विरासत संभालने का जो सिलसिला प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pt. Jawaharlal Nehru) के बाद इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के संभालने से शुरू हुआ तो यह रिवाज धीरे धीरे देश की परम्परा में तब्दील हो गया। इस बात पर कांग्रेस को घेरने वाले विपक्षी दलों ने भी फिर इसे अपनाते हुए फिर आगे बढ़ाने का काम किया।
अब इसे राजनीति में शुभ माना जाता है। यहां तक कि कई राज्य ऐसे भी हैं जहां मिले भारी जनसमर्थन के चलते मुख्यमंत्री पिता की राजनीतिक विरासत को बेटे ने खुद मुख्यमंत्री बनकर संवारने का काम किया है।
मुलायम सिंह यादव - अखिलेश यादव
अपने लम्बे राजीतिक कैरियर में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने अपनी राजनीतिक विरासत अपने बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को उस समय सौंप दी जब जब पहली बार 1999 उन्होंने कन्नौज की सीट से अपना इस्तीफा दिया। यहां पर हुए उपचुनाव में अखिलेश यादव जीते और पहली बार सांसद बने। इसके बाद 2012 में समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने पर उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। अब वह समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे हैं।
शिबू सोरेन - हेमंत सोरेन
इसी तरह उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य झारखण्ड (Jharkhand) में पिता शिबू सोरेन (Shibu Soren) तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री (Chief Minister) रहे। पर उम्र के दबाव पर जब उन्होंने राजनीति से थोड़ा किनारा करना शुरू किया तो बेटे हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने उनकी राजनीतिक विरासत संभाल ली और चुनाव में बड़ी सफलता हासिल कर झारखंड के मुख्यमंत्री बने।
बीजू पटनायक- नवीन पटनायक
बीजू पटनायक का ओड़िशा (Odisha) की राजनीति में महत्वूपर्ण स्थान रहा है। उनके आगे कभी कोई नेता टिक नहीं पाया। इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के कार्यकाल के समय भी बीजू पटनायक (Biju Patnaik) की ही इस प्रदेश में चलती थी। यही कारण है कि बीजू पटनायक प्रदेश के भले ही एक बार मुख्यमंत्री रहे हों पर उनके बेटे नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ओड़िशा के पांच बार मुख्यमंत्री (Odisha Chief Minister) बनकर अपने पिता का नाम रोशन कर रहे हैं।
फारुख अब्दुल्ला- उमर अब्दुल्ला
देश की आजादी के बाद विशेष राज्य का दर्जा पाने वाले जम्मू कश्मीर (Jammu And Kashmir) में अब्दुल्ला परिवार का ही कब्जा रहा है। शेख अब्दुल्ला (Sheikh Abdullah) के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके बेटे फारूख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को तीन बार यहां का मुख्यमंत्री बनाया गया। बाद में फारूख के बेटे उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने अपनी पार्टी नेशनल कांफ्रेस की बागडोर संभाली और फिर मुख्यमंत्री बने। यही नहीं, इस प्रदेश के एक और परिवार मुफ्ती परिवार का भी यही हाल रहा। मुख्यमंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद (Mufti Mohammad Sayeed) की बेटी महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) भी भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन चुकी हैं।
देवीलाल- ओमप्रकाश चौटाला
आपातकाल के दौरान कांग्रेस (Congress) से अलग होकर जनता पार्टी में शामिल होने वाले हरियाणा के मुख्यमंत्री (Haryana Chief Minister) रहे देवीलाल (Devi Lal) के बेटे ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) भी इस प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वो एक बार नहीं बल्कि पांच बार मुख्यमंत्री बने। जबकि इस समय उनके बेटे दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) भाजपा के सहयोगी दल के तौर पर इस प्रदेश में डिप्टी सीएम के पद पर हैं।
शंकरराव चव्हाण- अशोक चव्हाण
इंदिरा गांधी की हर सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शंकरराव चव्हाण (Shankarrao Chavan) महाराष्ट्र के दो बार मुख्यमंत्री (Maharashtra Chief Minister) रहे। उनका प्रदेश की राजनीति में सदैव बड़ा राम रहा लेकिन जब उम्र के चलते उनकी राजनीतिक गतिविधियां कमजोर पड़ी तो उन्होंने अपने बेटे अशोक चव्हाण (Ashok Shankarrao Chavan) को अपनी विरासत सौंप दी इसके बाद अशोक चव्हाण ने मुख्यमंत्री के तौर पर दो बार प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली।
ये जोड़ी भी है हिट
इन सबके अलावा राजनीति के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पुत्र राहुल गांधी का आता है। जबकि केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, कल्याण सिंह के पुत्र राजबीर सिंह, ओमप्रकाश सिंह के पुत्र अनुराग सिंह ,बृजभूषण शरण सिंह के पुत्र प्रतीक भूषण, स्व जितेन्द्र प्रसाद के पुत्र जितिन प्रसाद,लाल जी टंडन के पुत्र गोपाल टंडन, राजेश पायलट के पुत्र सचिन पायलट, प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर, माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्व अजित सिंह के पुत्र जयंत चौधरी, लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव समेत कई अन्य नेता पुत्र अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने का काम कर रहे हैं।
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