पंजाब में शुरू हुई 'मुफ़त' की सियासत

पिछले साल के अंत में केंद्र सरकार पर जीएसटी का पैसा न दिए जाने आरोप लगा खजाना खाली होने सरकार कर्ज माफी का राग अलापना शुरू कर दी है। पंजाब सरकार के कर्म चारी समय पर वेतन न मिलने से परेशान हो आए दिन सरकार को कोसते रहते हैं।

Update: 2020-02-18 06:48 GMT

दुर्गेश पार्थ सारथी

हाल ही में संपन्‍न हुए दिल्‍ली विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली बंपर जीत के बाद अब पंजाब में भी 'मुफ्त' की सियासत शुरू हो गई है। हलांकि पंजाब में विधान सभा चुनाव होने में अभी दो साल बाकी है। कांग्रेस और शिरोमणि अकालीदल ने इसके लिए अभी से जमीन तैयार करना शुरू कर दिया है। हला कि इस शिअद की सहयोगी पार्टी भाजपा ने अभी इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है।

फ्री की राजनीति पंजाब में कोई नया नहीं है। इससे पहले भी पंजाब की बादल सरकार ने किसानों का बिजली बिल माफ कर रखा था। जिससे सरकारी खजाने को हर साल करोड़ो का चूना लग रहा था। तत्‍तकालीन सरकार की इस माफी योजना छोटे-बड़े सभी किसान शामिल थे। वर्ष 2017 में सूबे में सत्‍ता परिवर्तन हुआ तभी मुफ्त की राजनीति जारी रही। किसानों के कर्ज माफी का वादा कर प्रदेश की सरकार में आई कांग्रेस ने 4800 करोड़ से ज्‍यादा का कर्ज माफ किया।

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सरकारी मुलाजिमों को वेतन देने में खजाना खाली होने का हिला-हवाला देने वाली वित्तिय संकट से जूझ रही पंजाब सरकार ने पिछले एक साल से रुकी हुई कर्ज माफी योजना को दोबारा शुरू कर दिया है। इसके लिए मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने मंडी बोर्ड से करीब ७२१ करोड़ रूपये मांगे हैं। ताकि खेतिहर मजदूरों और पांच एकड़ से कम जमीन वाले किसानों के कर्ज माफ किए जा सकें। बता दें कि मंडी बोर्ड ने कर्ज माफी के लिए धन का प्रबंध किया है। इसके अलावा भी प्रदेश सरकार को 900 करोड़ की और दरकार है।

इस मद मे खर्च होंगे 721 करोड़

अगर मंडी बोर्ड से 721 करोड़ रुपये मिल जाते हैं तो, उसमें से सरकार ५२० करोड़ से खेतिहर मजदूरों के कर्ज माफ करेगी। जबकि २.८५ लाख से उन खेतिहार मजदूरों का कर्ज माफ होगा, जिन्‍होंने सहकारी समितियों से २५ हजार तक का लोन लिया था। जबकि, २०१ करोड़ से छोटे व सरहदी किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे। ये वे किसान हैं जो पिछले साल कर्ज माफी योजना का लाभ नहीं उठाए पाए हैं। किसानों की कर्ज माफी का वादा कर सत्‍ता में आई कांग्रेस सरकार अब तक दो चरणों में ४८०० करोड़ से अधिक का कर्ज माफ कर चुकी है।

सत्‍ता से बेदखल हुई शिअद ने दिया मुफ्त बिजली का लालीपॉप

पंजाब में पिछले तीन साल से सत्‍ता से बेदखल शिअद ने भी लोगों को फ्री का लालीपॉप थमाया है। शिरोमणि अकाली दल के अध्‍यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अगर पार्टी सत्‍ता में लौटी तो पंजाब के गरीब तबके लोगों को 400 यूनिट बिजली फ्री देगी। उन्‍होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के कूप्रबंधों और घोटाले के कारण ही पंजाब में बिजली महंगी हुई है। सुखबीर ने प्रदेश सरकार पर तीन रुपये प्रति यूनिट के दर से खरीदी गई बिजली को दस रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बेचने का आरोप लगाया।

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कर्ज के बोझ में दबे हैं फिर भी देंगे फ्री

पिछले साल के अंत में केंद्र सरकार पर जीएसटी का पैसा न दिए जाने आरोप लगा खजाना खाली होने सरकार कर्ज माफी का राग अलापना शुरू कर दी है। पंजाब सरकार के कर्म चारी समय पर वेतन न मिलने से परेशान हो आए दिन सरकार को कोसते रहते हैं। हालत यह है कि कर्ज के डूबे पांजाब में पैदा होने वाला हर बच्‍चा 90 लाख रुपये का कर्जदार है।

सरकार खुद 30309 करोड़ का कर्जदार

किसानों का कर्ज माफ करने और फ्री बिजली देने का दवा और वादा करने वाली सरकार खुद 30309 कररोड़ (व्‍याज सहित) का कर्जदार है। पंजाब सरकार पर मार्च 2020 तक 2.29 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो जाएगा। जबकि, फूडग्रेन का 31 हजार करोड़ और उदय योजना के तहत लिया गया १५ हजार करोड़ स्पेशल टर्म लोन इससे अलग है। यानी कुल 2.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पंजाब पर चढ़ जाएगा। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने माना कि यह कर्ज का जाल बहुत भयानक है और इससे भारत सरकार के सहयोग के बिना निकलपाना संभव नहीं है। यह मामला हम लंबे समय से उठा रहे हैं।

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शिरोमणि अकाली दल पर भारी भरकम कर्ज उठाने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस सरकार ने खुद 46 हजार करोड़ का कर्ज ले रखा। इसमें कुछ हिस्सा पिछले कर्ज को चुकाने में चला गया। वित्तमंत्री ने दावा किया कि यह कर्ज जीएसडीपी के मुकाबले 39.74 फीसद तक ले आए हैं। उन्होंने बताया कि इस साल पंजाब सरकार पिछला कर्ज और ब्याज मिलाकर 30309 करोड़ रुपये अदा करेगी।

आम जनता पर पड़ेगा बोझ

दिल्‍ली से शुरू हुई मुफ्त की राजनीति का दूरगामी असर आनेवाले दिनों में पंजाब की जनता पर पड़ेगा। क्‍योंकि कैप्‍टन सरकार भी चाहेगी कि अपने चुनावी घोषणा पत्र किए हर वादे को पूरा करे। जिसमें युवओं को स्‍मार्ट फोन, बेरोजगारी भत्‍ता, उद्यमियों को सस्‍ती बिजली आदि देना शामिल है। इसका असर सरकार के खजाने पर पड़ना स्‍वभाविक है। ऐसे में लाजमी है कि सरकार कोई न कोई नया टैक्‍स लगाएगी। चाहे व प्रत्‍यक्ष कर हो या अप्रत्‍यक्ष। इसका सीधा राज्‍य की जनता पर पड़ेगा। क्‍योंकि दुनिया में कोई बस्‍तु ऐसी नहीं है जो मुफ्त में मिलती हो।

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