मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार सुरक्षित, जानिए क्या कह रहे हैं रुझान
शिवराज सरकार को पूर्ण बहुमत की सरकार के लिए सिर्फ 9 सीटों की जरूरत है और ऐसे में साफ है कि उनकी सरकार को उपचुनाव के नतीजों से कोई खतरा नहीं है और वे चुनावी नतीजों के बाद मजबूत बनकर उभरेंगे।
भोपाल: मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा पर हुए उपचुनाव के रुझानों से साफ है कि राज्य में शिवराज सिंह चौहान की सरकार को कोई खतरा नहीं है। शुरुआती रुझानों से साफ है कि भाजपा 18 सीटों पर आगे चल रही है जबकि कांग्रेस आठ और बसपा 2 सीटों पर आगे है।
शिवराज सरकार को पूर्ण बहुमत की सरकार के लिए सिर्फ 9 सीटों की जरूरत है और ऐसे में साफ है कि उनकी सरकार को उपचुनाव के नतीजों से कोई खतरा नहीं है और वे चुनावी नतीजों के बाद मजबूत बनकर उभरेंगे।
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दोनों दलों ने झोंकी थी पूरी ताकत
मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर विजय हासिल करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। खास तौर पर भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था।
3 नवंबर को मतदान के बाद दोनों दलों की ओर से विजय का दावा किया गया था मगर आज मतगणना शुरू होने के बाद शुरुआती रुझानों से साफ हुआ है कि शिवराज सिंह चौहान के दावे में दम दिख रहा है और उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं होने वाला।
राज्य में मजबूत बनकर उभरेगी भाजपा
हालांकि अभी काफी संख्या में मतों की गिनती बाकी है मगर जिस तरह शुरुआत में ही भाजपा कांग्रेस पर भारी पड़ती दिख रही है, उससे साफ है कि उपचुनाव के नतीजों के बाद भाजपा राज्य में और मजबूत हो जाएगी। इन उपचुनावों से वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है क्योंकि उनके समर्थक विधायकों के इस्तीफे के कारण ही इन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं।
रुझानों से भाजपा नेताओं के चेहरे खिले
शुरुआती रुझानों के बाद भाजपा नेताओं के चेहरे खिले हुए हैं जबकि कांग्रेसी नेताओं के चेहरों पर मर्दानगी नजर आ रही है। हालांकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि शुरुआती रुझानों को अंतिम नतीजा नहीं माना जाना चाहिए और कांग्रेस जरूर दम दिखाएगी। भाजपा की ओर से विजय का जश्न मनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है।
मौजूदा सियासी स्थिति
मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए 3 नवंबर को वोटिंग हुई थी। बिहार विधानसभा के साथ ही आज इन उपचुनावों के लिए भी मतगणना हो रही है। जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, उनमें 27 सीटों पर पहले कांग्रेस का कब्जा था।
मध्य प्रदेश में कुल विधानसभा सीटें-230
बहुमत के लिए आवश्यकता-116
मध्यप्रदेश विधानसभा की मौजूदा स्थिति
भाजपा -107
कांग्रेस-88
बसपा-2
सपा-1
निर्दलीय-4
उपचुनाव- 28
कुल सीटें- 230
2018 में हुए चुनाव में विधानसभा की स्थिति
कांग्रेस- 114
भाजपा- 109
बसपा-2
सपा- एक
निर्दलीय- चार
कुल सीटें 230
भाजपा को 9 सीटें जीतने की जरूरत
भाजपा को 107 विधायकों के अलावा सात अन्य विधायकों का भी समर्थन हासिल है। पूर्ण बहुमत के लिए भाजपा को सिर्फ 9 सीटों की जरूरत है। कांग्रेस के मौजूदा सदस्यों की संख्या 88 है और ऐसी स्थिति में पूर्ण बहुमत के लिए उसे सभी सीटों पर विजय हासिल करना जरूरी है जो कि काफी मुश्किल काम है।
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16 सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके की
जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं उनमें 16 सीटें ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की हैं जहां कांग्रेस, भाजपा व तीसरी पार्टी बसपा को कम नहीं आंका जा सकता। ग्वालियर- चंबल क्षेत्र में दलित मतदाताओं को काफी निर्णायक माना जाता है।
2018 के विधानसभा चुनाव में यहां की 2 सीटों पर बसपा दूसरे नंबर पर रही थी। ग्वालियर चंबल की 16 में से 7 सीटों पर बसपा के प्रत्याशियों ने सम्मानजनक वोट हासिल किए थे।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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