2030 तक दुनिया भर की टाप थ्री अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा भारत: राजनाथ सिंह

Update: 2018-08-04 15:57 GMT

लखनऊ: पूरी दुनिया इस सच्चाई को स्वीकारती है कि भारत विश्व की सबसे तेजी से बढती हुई अर्थव्यवस्था है। भारत दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के बीच 9वें से 6ठें पायदान पर आ गया। विश्व बैंक ने भी कहा है कि भारत एक साल में 5वें पायदान पर आ सकता है। यदि देश की इकानमी इसी रफ्तार से चलती रही तो 2030 तक भारत की इकानमी दुनिया की टाप थ्री इकानमी में गिनी जाएगी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त के नि:शुल्क आर्यावर्त दुर्घटना सह विकलांगता बीमा योजना की शुरूआत की। इसका फायदा खाता धारकों को मिलेगा।

रूरल बैंक, बैंकिंग सिस्टम की रीढ हैं

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में भारत अब दुर्बल नहीं मजबूत देश के रूप में जाना जाता है। विदेशों में भारत का सम्मान है। यदि देश की इकानमी को मजबूत करना है तो किसी स्थान तक सबका योगदान होना चाहिए। आर्यावर्त बैंक को बधाई देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि कृषि और किसान देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उसी तरह यह रूरल बैंक भी बैंकिंग सिस्टम की रीढ़ हैं। इस स्कीम का अपना विशेष महत्व है।

ग्रामीण बैंकों की जिम्मेदारी समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने की है

राजनाथ सिंह ने कहा की पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी एक बार अपने उद्बोधन में कहा था कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का काम करने की जिम्मेदारी ग्रामीण बैंकों की बनती है। समाज की अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति का अंत्योदय कैसे हो। इस पर पीएम चिंता जता चुके हैं। मोदीजी का यह संकल्प लेना कि जिस समय 2022 पूरा हो रहा होगा। उस समय किसानों की जितनी आमदनी होगी वह दोगुना कर देंगे। यह कोई छोटा संकल्प नही है।

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए इनपुट कास्ट कम करनी होगी

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हमें इनपुट कॉस्ट कम करनी होगी। ज्यादा संसाधन मुहैया कराने होंगे। पिछली सरकारों में यूरिया पाने के लिय किसानों को लाइन में खड़ा रहना पड़ता था। हमारी सरकार में इनपुट कॉस्ट कम करने की कोशिश हुई है। सबसे अहम काम इस सरकार ने किया है कि आम व्यक्ति को बैंकिंग सिस्टम से लाकर जोड़ दिया है। झोपड़ियों में बैठा व्यक्ति कभी सोच नही सकता था कि बैंकिंग सिस्टम से जुड़ पाएंगे।

पूरी दुनिया में 55 प्रतिशत बैंक खाते भारत में खुले

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में 55 प्रतिशत बैंक खाते भारत में खुले। दुनिया के कई देशों ने इस पर अचरज जताया था। एक देश के पीएम सिर्फ इसीलिए भारत आए क्योंकि वह देखना चाहते थे कि किस तरह इतनी बड़ी जनसंख्या को बैंक खातों से जोड़ दिया गया।

देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी व्यवस्था तभी बन सकती है, जब समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति अर्थव्यवस्था में योगदान हो।

1976 से हुई थी बैंक की शुरूआत

ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त के अध्यक्ष एसबी सिंह ने बताया कि वर्ष 1976 से बाराबंकी से बैंक की शुरूआत हुई थी। वर्तमान में इसकी 15 जिलो में शाखा है। इसके 1.25 करोड़ खाताधारक हैं। उन्होंने कहा कि हानि—लाभ से इतर देखा जाए कि हम समाज को क्या दे रहे हैं। सभी खाता धारकों को एक्सीडेंटल इन्शुरन्स फ्री दे रहे हैं। आज हम उसकी शुरुआत कर रहे हैं। मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ए के सिंह ने बताया कि religare के साथ बैंक यह स्कीम चला रहा है।

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