ज्योतिरादित्य सिंधिया कानपुर मीटिंग में बोले- गुटबाजी छोड़कर पार्टी के लिए काम करें

यूपी वेस्ट प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कानपुर लोकसभा की नगर इकाई के पदाधिकारियों से बीते बुधवार रात 12:30 बजे मीटिंग की शुरुआत की। उन्होंने नगर इकाई के पदाधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि पार्टी में गुटबाजी को किसी भी हालात में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

Update: 2019-02-14 08:12 GMT

कानपुर: यूपी वेस्ट प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कानपुर लोकसभा की नगर इकाई के पदाधिकारियों से बीते बुधवार रात 12:30 बजे मीटिंग की शुरुआत की। उन्होंने नगर इकाई के पदाधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि पार्टी में गुटबाजी को किसी भी हालात में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।इस वक्त पार्टी के सामने करो या मरो की स्थिति है।गुटबाजी छोड़ कर सभी लोग पार्टी के लिए काम करें, क्यों कि जब पार्टी रहेगी तो हम और आप रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने सभी पदाधिकारियों से अलग-अलग मिलकर उनकी रॉय ली और नगर इकाई से लेकर प्रदेश स्तर तक के पदाधिकारियों की जमीनी स्थिति को समझने का प्रयास किया।

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जिस तरह से ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी दिन रात अपनी-अपनी लोकसभा के पदाधिकारियों से बात करते है इसे देखकर पार्टी के कार्यकर्ताओं का जोश और उत्साह बढ़ता जा रहा है। इस बैठक में सिंधिया ने टिकट की दावेदारी करने वालों से ऐसे सवाल पूछे की उन्हें सर्द रात में भी पसीना आ गया। जब उन्होंने दावेदारी करने वालों से पूछा की आप लोग कोई एक ऐसा कार्य बताइए जो पार्टी के लिए किया गया हो। यह सवाल सुनते ही टिकट की दावेदारी करने वालो के पसीने छूट गए। किसी भी पदाधिकारी ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया।

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महानगर अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री ने बताया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि गुटबाजी सिर्फ कानपुर में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और देश में है। हमारे मध्य प्रदेश में भी गुटबाजी हावी है।लेकिन जब मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुआ तो सभी ने गुटबाजी छोड़कर एकजुट होकर संगठन के लिए काम किया। सभी ने मिलकर एमपी में चुनाव लड़े और इसका नतीजा देखिए हमने पार्टी की प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की। उन्होंने सभी सभी से अपील की है मिलकर कर लोकसभा चुनाव लड़ना है।

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कानपुर कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है यही वजह रही है कि पूर्व केंद्रीय कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल लगातार तीन बार सांसद रहे। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की गुटबाजी कांग्रेस पार्टी की हार की वजह बनी। मोदी लहर में 2014 के लोकसभा चुनाव में श्रीप्रकाश जायसवाल बीजेपी के कद्दावर नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी से 2,22,946 वोटों से हार गए थे। इस गुटबाजी से कांग्रेस पार्टी उबर नहीं पाई। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी गुटबाजी देखने को मिली।जिसका नतीजा यह रहा कि कानपुर की 10 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस की झोली में एक सीट गई। इसके साथ ही निकाय चुनाव में फिर गुटबाजी सामने आई और बीजेपी ने धमाकेदार जीत हासिल की।

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प्रदेश हाई कमान के सामने भिड़े थे दो गुटों के वर्कर

कांग्रेस की आपसी गुटबाजी पार्टी को धरातल पर ले आई है। जिसका उदहारण बीते अप्रैल माह 2018 में हुए कार्यकर्ता सम्मलेन में देखने को मिला था। प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और गुलाम नबी आजाद के सामने ही दो गुटों के कार्यकर्ता आपस में भिड गए थे एक दूसरे को गाली गलौज करते हुए मारपीट तक हो गयी थी। कानपुर में कांग्रेस के इन दिनों तीन गुट चल रहे है। तीनों ही गुट एक दूसरे के धुर विरोधी है और आने वाले लोक सभा चुनाव में टिकट की मांग कर कर रहे थे।

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