कांग्रेस के वार रूम में बड़ी बैठक, पांच राज्यों के चुनाव और कृषि कानून पर प्रियंका का मंथन
Lucknow : विधानसभा चुनाव पर दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की एक बड़ी बैठक चल रही है। यह बैठक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ले रही हैं।
Lucknow : उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Chunav) पर दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की एक बड़ी बैठक चल रही है। यह बैठक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) ले रही हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा के कांग्रेस नेता मौजूद हैं। कांग्रेस के वार रूम में चल रही इस बैठक में पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून (teen krishi kanoon) वापस लिए जाने की घोषणा पर अब कांग्रेस अपनी अगली रणनीति तैयार करेगी।
दरअसल विपक्षी दल तीनों कृषि कानून (teen krishi kanoon) को लेकर बीजेपी पर हमला करने और किसानों (UP Mein Kisan) को अपने पाले में करने की पुरजोर कोशिश में लगे थे। लेकिन प्रधानमंत्री के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता अपनी अगली रणनीति तैयार करने में लग गए है।
ये प्रमुख नेता बैठक में है शामिल
दिल्ली में प्रियंका गांधी की अध्यक्षता में जो बैठक हो रही बैठक उसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के प्रभारी अजय मकान, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, शक्तिसिंह गोहिल, यूपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, समेत कई बड़े नेता मौजूद हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस किसान आंदोलन (kisan andolan) के सहारे पंजाब और उत्तर प्रदेश में एक बड़ी रणनीति के तहत चुनाव मैदान में उतरने जा रही थी। पंजाब में जहां कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Captain Amarinder Singh) को हटाने के बाद दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया। वही उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन को तलाश रही कांग्रेस पार्टी (Congress) पश्चिमी यूपी में किसानों के बलबूते वापसी करने की फिराक में थी।
आंदोलन जारी रखने की बात
(Kisan Andolan Jaari)
लेकिन प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद जहां किसानों की नाराजगी कुछ कम हुई है, वहीं अब कांग्रेस भी अपनी रणनीति में बदलाव कर नए सिरे से मैदान में उतरने पर मंथन शुरू कर दिया है। हालांकि बिल वापसी के फैसले पर भले ही कुछ किसान संतोष जता रहे हैं, लेकिन वह आंदोलन जारी रखने की बात कर रहे हैं।
आज 22 नवंबर को लखनऊ में हुई महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) में यह साफ हो गया है कि एमएसपी समेत उनके जो अन्य मुद्दे हैं, बिना वो मांग पूरी हुए वह अपने घर को नहीं लौटने वाले हैं।
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने साफ कर दिया है कि एमएसपी और जो 700 से ज्यादा किसानों की जान गई है उन्हें शहीद का दर्जा देने के साथ ही उनके परिजनों को मुआवजा मिले। जब तक सरकार उनकी ये सारी मांगे नहीं मान लेती किसान अपने घर वापस नहीं जाएगा।