Maharashtra Politics: शिंदे का 40 विधायकों के समर्थन का दावा, आज गवर्नर से कर सकते हैं मुलाकात

Maharashtra News: शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की अगुवाई में सभी बागी विधायक सूरत से गुवाहाटी पहुंच गए हैं। शिंदे ने दावा किया कि उनके साथ शिवसेना के 40 विधायक हैं।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-06-22 03:29 GMT

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे (Social media)

Maharashtra News: शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की अगुवाई में पार्टी के विधायकों की बगावत के बाद महाराष्ट्र की उद्धव सरकार का संकट और गहरा गया है। शिंदे की अगुवाई में सभी बागी विधायक सूरत से गुवाहाटी पहुंच गए हैं। स्पेशल फ्लाइट से गुवाहाटी पहुंचने के बाद शिंदे ने दावा किया कि उनके साथ शिवसेना के 40 विधायक हैं। इसके साथ ही उन्होंने सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन होने का भी दावा किया। शिवसेना विधायकों की बगावत से शिवसेना का शीर्ष नेतृत्व गहरे संकट में फंस गया है क्योंकि उद्धव से बातचीत के बावजूद शिंदे अभी तक बगावती तेवर छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।

शिंदे आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि शिंदे ने राज्यपाल से मुलाकात के लिए समय मांगा है। इस मुलाकात के लिए शिंदे स्पेशल फ्लाइट से गुवाहाटी से मुंबई पहुंचने की तैयारी में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान शिंदे राज्यपाल को अपना रुख स्पष्ट कर सकते हैं। शिंदे विधायकों के समर्थन की जानकारी भी राज्यपाल को देंगे। 

शिंदे ने उद्धव के सामने रखी शर्त

शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने भाजपा को लेकर अपना रुख साफ करने की शर्त रख कर उन्हें संकट में डाल दिया है। दरअसल शिंदे गुट महाराष्ट्र में भाजपा के साथ गठबंधन की मांग पर अड़ा हुआ है। ऐसा न करने पर पार्टी का टूटना तय माना जा रहा है। शिंदे की इस मांग के कारण उद्धव ठाकरे अजीबोगरीब स्थिति में फंस गए हैं। 

ठाकरे ने सियासी हालात पर चर्चा करने के लिए आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। हालांकि इस बैठक से भी विवाद का हल निकलता नहीं दिख रहा है क्योंकि बागी विधायक एनसीपी और कांग्रेस दोनों से काफी नाराज हैं।

विधान परिषद चुनाव से बढ़ी नाराजगी 

सियासी जानकारों का कहना है कि शिवसेना विधायकों में कई दिनों से नाराजगी चल रही थी और विधान परिषद चुनाव के दौरान यह नाराजगी और बढ़ गई। विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस के लिए अतिरिक्त मतों की व्यवस्था की बात कहने पर शिंदे ने उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत से गहरी नाराजगी जताई थी। जानकारों का कहना है कि शिंदे की इन दोनों नेताओं से बहस भी हुई थी। इसके साथ ही एनसीपी को लेकर भी शिवसेना विधायकों में काफी नाराजगी दिखी है।

शिंदे को मनाने की कोशिश नाकाम 

शिंदे को मनाने के लिए उद्धव ने पार्टी के नेता मिलिंद नार्वेकर और ठाणे के विधायक रविंद्र फाटक को सूरत भेजा था। नार्वेकर ने पहले शिंदे को मनाने की कोशिश की और कामयाबी न मिलने पर उनकी उद्धव ठाकरे से फोन पर बातचीत भी कराई। 

इस बातचीत के दौरान शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा के साथ गठबंधन करने पर पार्टी नहीं टूटेगी। इसलिए उद्धव को पहले गठबंधन के बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उद्धव ने बातचीत के दौरान इस बाबत कोई वादा नहीं किया और इस कारण शिवसेना का संकट गहरा गया है।

मौजूदा गठबंधन का कर रहे विरोध 

शिंदे के साथ ही बगावती तेवर दिखाने वाले महाराष्ट्र के मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि पार्टी के विधायकों में ठाकरे को लेकर कोई नाराजगी नहीं है। असली नाराजगी एनसीपी और कांग्रेस को लेकर है क्योंकि पार्टी के विधायक इन दोनों दलों के साथ गठबंधन में नहीं रहना चाहते। 

उन्होंने कहा कि शिवसेना के विधायक और निर्दलीय विधायक राज्य की सत्ता में परिवर्तन चाहते हैं। शिवसेना के कार्यकर्ता भी इस गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को एनसीपी और कांग्रेस से दूरी बनाकर भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहिए।

भाजपा से हाथ मिलाने को उद्धव तैयार नहीं 

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए मानसिक तौर पर तैयार नहीं दिख रहे हैं। मंगलवार को पार्टी विधायकों की बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा ने शिवसेना को अपमानित किया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसी स्थिति में भाजपा के साथ गठबंधन किया जाना चाहिए?

 मजे की बात यह है कि शिवसेना प्रमुख की ओर से बुलाई गई इस बैठक में 55 में से सिर्फ 22 विधायक ही हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। इससे समझा जा सकता है कि सियासी हालात काफी गंभीर हैं और पार्टी नेतृत्व विधायकों को मनाने में पूरी तरह विफल साबित हुआ है। ठाकरे ने आज दोपहर एक बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।

कांग्रेस अपना घर सहेजने में जुटी 

शिवसेना में हुई इस बगावत के बाद कांग्रेस अपना घर सहेजने की कोशिश में जुट गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री बालासाहेब थोराट का कहना है कि शिवसेना के घटनाक्रम पर पार्टी की पैनी नजर है। कांग्रेस के सभी विधायकों से फिलहाल मुंबई में ही रहने को कहा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को पर्यवेक्षक के बनाकर स्थिति संभालने की जिम्मेदारी सौंपी है। महाराष्ट्र में चल रही सियासी उठापटक के कारण पार्टी नेतृत्व सतर्क हो गया है। 

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