लखनऊ: जेएनयू विवाद पर अब मायावती ने भी प्रतिक्रिया दी है। बीएसपी प्रमुख ने कहा है कि जेएनयू को देशद्रोही संस्थान बताना गलत है। इससे पहले जेडीयू, लेफ्ट पार्टीज और कांग्रेस भी जेएनयू विवाद पर मोदी सरकार को घेरने में जुटी है। बतादें, रविवार को इलाहाबाद में होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा था कि जेएनयू में देशद्रोही नारे लगाने वालों को हाफिज सईद का समर्थन प्राप्त है।
क्या हुआ था जेएनयू में?
-लेफ्ट स्टूडेंट ग्रुप्स ने नौ फरवीर को संसद अटैक के दोषी अफजल गुरु और जेकेएलएफ के को-फाउंडर मकबूल भट की याद में एक प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया था।
-आरोप है कि इसमें देश विरोधी नारे लगाए गए। कुछ स्टूडेंट्स ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जारी’ जैसे नारे लगाए।
-बता दें कि अफजल को 9 फरवरी, 2013 और मकबूल भट को 11 फरवरी, 1984 को फांसी दी गई थी।