JNU वाली महरौली में लेफ्ट को नोटा से भी कम वोट, देखें लिस्ट किसे मिला कितना वोट

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल्स के आसपास आते दिख रहे हैं, लेकिन महरौली सीट के शुरुआती रुझान कुछ चौंकाने वाले हैं। लेफ्ट का बोलबाले वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के इस इलाके में वामपंथी पार्टी को नोटा सेभी कम वोट मिले हैं।

Update: 2020-02-11 09:16 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल्स के आसपास आते दिख रहे हैं, लेकिन महरौली सीट के शुरुआती रुझान कुछ चौंकाने वाले हैं। लेफ्ट का बोलबाले वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के इस इलाके में वामपंथी पार्टी को नोटा सेभी कम वोट मिले हैं।

अब तक की जानकारी के मुताबिक महरौली सीट से आम आदमी पार्टी के नरेश यादव सबसे आगे चल रहे हैं। इस सीट से नोटा को अबतक 355 वोट मिले हैं। इस सीट से ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक नाम की लेफ्ट पार्टी को सिर्फ 95 वोट मिले हैं। पार्टी ने डीके चोपड़ा को टिकट दिया था।

बता दें कि महरौली साउथ दिल्ली इलाके में पड़ता है। संगम विहार, छत्तरपुर, पालम, तुगलकाबाद, कालकाजी, महरौली, देवली, बदरपुर, अंबेडकर नगर, बिजवासन साउथ दिल्ली में ही आते हैं।

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चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक आम आदमी पार्टी (आप) जोरदार बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता पर लागातार तीसरी बार काबिज होती दिख रही है। रुझानों में उसे 58 सीटें मिलती दिख रही हैं जो पिछली बार से 12 कम हैं। वहीं, 2015 में तीन सीटों पर सिमटने वाली बीजेपी इस बार अपना प्रदर्शन सुधारते हुए 12 सीटें जीतती दिख रही है।

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इस चुनावी खेल में कांग्रेस ने भी आशंकाओं के अनुरूप बेहद बुरा प्रदर्शन किया है। पार्टी फिर से शून्य पर क्लीन बोल्ड होती दिख रही है। पार्टी का खाता तो फिर नहीं खुल रहा, उसके वोट प्रतिशत घटकर आधे हो रहे हैं। स्वाभाविक है कि दिल्ली में कांग्रेस के बचे-खुचे वोटर्स आप और बीजेपी का रुख कर रहे हैं।

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दिल्ली के चुनाव नतीजों में दिलचस्प बात यह है कि 2015 के चुनाव की तुलना में बीजेपी के वोट बढ़े हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के वोटों का कांटा ठीक पिछली बार के 54 पर्सेंट पर आता दिख रहा है। कांग्रेस के वोट घटकर आधे हुए हैं।

बता दें कि दिल्ली में 15 साल तक कांग्रेस की सरकार रही है।

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