यूपी निकाय चुनाव : कांग्रेस को बड़ा झटका, जितिन प्रसाद के भाई BJP में शामिल
यूपी निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद के भाई ने बीजेपी का दामन थाम लिया।
शाहजहांपुर : यूपी में निकाय चुनाव आते ही नेताओं का दल बदलना भी शुरू हो गया है। कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के चचेरे भाई कुंवर जयेश प्रसाद ने अपनी पत्नी के साथ गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है। इस दौरान उनके साथ 50 प्रधान, 8 ब्लॉक प्रमुख, 20 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 200 कार्यकर्ता भी शामिल हुए। खास बात ये है कि बीजेपी ने शाहजहांपुर शहर की नगरपालिका सीट पर कांग्रेसी नेता के चचेरे भाई की पत्नी पर भरोसा जताते हुए टिकट दे दिया। अब देखना होगा कि पिछले दो बार से नगरपालिका चैयरमैन सपा से बनता आ रहा है क्या अब बीजेपी का यह पैंतरा कुछ नया रंग दिखाएगा। बीजेपी ने जिस बाहरी नेता पर भरोसा जताया क्या वह इस सीट को बीजेपी के झोली मे डाल पाएगा।
दरअसल, शाहजहांपुर के प्रसाद भवन में लंबे अर्से से कांग्रेस की राजनीती चमकती थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते है। जितिन प्रसाद के चचेरे भाई जयेश प्रसाद भी राजनीति में अच्छी पकड़ रखते है। जयेश प्रसाद दो बार एमएलसी रहे चुके है। सबसे पहले उन्होंने बसपा का दामन थामा। जब सत्ता बदली तो वह सपा में आ गए। हालांकि इससे पहले विधानसभा चुनाव में जयेश प्रसाद ने सपा से एमएलए के टिकट के लिए जोर आजमाइश की थी पर ऐसा हुआ नहीं। जिसके बाद धीरे-धीरे जयेश प्रसाद का झुकाव बीजेपी की तरफ होने लगा। अब जब निकाय चुनाव आया तो शाहजहांपुर की शहर नगरपालिका महिला सीट हुई। जयेश प्रसाद ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओ से संपर्क करना शुरू किया। हालांकि, उसमें वह कामयाब भी रहे। काफी दिन जयेश प्रसाद और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठकों का दौर चलता रहा। आखिरकार बीजेपी ने कुंवर जयेश प्रसाद की पत्नी नीलिमा प्रसाद को शहर नगरपालिका सीट का टिकट देकर भरोसा जता दिया। जयेश प्रसाद ने अपनी पत्नी और सैकड़ों समर्थकों के साथ लखनऊ मे नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और यूपी बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के सामने बीजेपी का दामन थाम लिया।
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बीजेपी मे शहर नगरपालिका सीट पर सबसे ज्यादा टिकट के लिए दावेदारी की गई थी। इसमे सबसे ज्यादा वो नेता थे जो काफी सक्रिय भुमिका मे रहते हैं। उनमें से दो ऐसे नेता हैं जो एक प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान रखते हैं तो दूसरा जिले स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। जब जयेश प्रसाद की पत्नी का टिकट क्लियर नहीं हुआ था तब सभी ने उम्मीद लगा ली थी कि अब टिकट इन दो नेताओं के पास जाएगा। लेकिन, बीजेपी ने बाहरी नेता पर भरोसा जता दिया। इस दौरान अच्छी पहचान रखने वाले दोनों नेताओं में पार्टी के लिए नाराजगी भी देखनी को मिली थी। लेकिन, नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार ने सूझबुझ के साथ दोनों नेताओं को मना लिया। लेकिन, अभी भी कहीं न कहीं बीजेपी में अंदर कलह देखने को जरूर मिल जाएगी।
बता दें कि शाहजहांपुर की नगरपालिका सीट पिछले दो बार से सपा की झोली मे रही है। यहां से तनवीर खान पिछले दस साल से इस सीट पर कब्जा जमाए हुए हैं। तनवीर खान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। ऐसे मे देखना होगा कि जिस तरह से बीजेपी ने अपने पुराने कार्यकर्ताओं पर भरोसा न करके बाहरी नेता पर भरोसा दिखाकर टिकट दिया तो क्या इस बार बीजेपी नगरपालिका सीट सपा से छीन भी पाती है या नहीं।
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गौरतलब है कि कांग्रेस नेता और राहुल गांधी के करीबी जितिन प्रसाद के पिता स्वर्गीय कुंवर जितेंद्र प्रसाद पूर्व पीएम राजीव गांधी और पीवी नरसिंहा राव के राजनीतिक सलाहकार के साथ साथ कई बार मंत्री भी रहे। यहां तक कि जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी लड़ा।