ODF निर्माण में चल रही धांधली: खुद के क्षेत्र का हाल देख सातवें आसमान पर पहुंचा मंत्री का पारा
असगर नकी
अमेठी: योगी सरकार गुजारत की तर्ज पर यूपी को भी ओडीएफ घोषित करने की कवायद में जुटी है। 'स्वच्छ भारत मिशन अभियान' के तहत सरकार अरबो रूपए पानी की तरह फूंक चुकी है। बावजूद इस सबके ओडीएफ घोषित हुए गांवों के शौचालय सरकार के भ्रष्ट सिस्ट्म को मुंह चिढ़ा रहे हैं। बदहाल और मानक से इतर बने शौचालयों की हकीकत खुद अपनी ही विधानसभा में देखनें के बाद योगी के मंत्री का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने तत्काल उच्च अधिकारियों को बुलाकर कार्यवाही की तैयारी शुरु कर दी।
दम तोड़ चुकी है 'स्वच्छ भारत मिशन अभियान' योजना
अमेठी क्षेत्र बरसों से नेहरु-गांधी परिवार की राजनैतिक पृष्ठ भूमि का केंद्र रहा, 2014 में स्मृति ईरानी ने यही से अपनें सियासी सफर का आगाज़ शुरू कर खूब सुर्खियां बटोरी और अब भी बटोर रहीं। लेकिन सांसद राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मिलकर भी अमेठी को सुर्खियों में नहीं ला सके। आलम ये है कि मोदी सरकार की बड़ी योजनाओं में शुमार 'स्वच्छ भारत मिशन अभियान' यहां दम तोड़ चुकी है। सच्चाई ये है कि आज भी दर्जनों की संख्या में यहां के गांवों के लोग खेत-खलिहान में ही शौच के लिए जानें को मजबूर हैं। वजह साफ है कि इन ग्रामीणोंं के पास या तो शौचालय का अभाव है, या जिसको प्रशासन ने इस सुविधा का लाभ दिया वो सुविधा भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ गई। नतीजा ये हुआ कि शौचालय गिर पड़कर बराबर हो गया, कई जगह नौबत ये है कि ठेकेदारों से शौचालय का निर्माण कराया गया हैं। इन ठेकेदारों ने कहीं 22-1 के मसाले का प्रयोग किया तो कही पूरे-पूरे शौचालय का निर्माण ही पीली ईटों से करा डाला।
22-1 के मसाले का हुआ प्रयोग
ठेकेदारों की इस हरकत की ख़बर मंत्री सुरेश पासी को हुई। लोगों ने मंत्री को बताया कि अधिकारियों ने स्वयं आपके विधानसभा क्षेत्र को नही बक्शा। इस पर आज पूरे लाव लश्कर के साथ मंत्री जगदीशपुर विधानसभा के ब्लाक बाजार शुक्ल मवइया रहमतगढ़ ग्रामसभा में पहुंच गए। यहां शौचालयों का निर्माण चल रहा था, जिसमें पीले ईटों का धड़ल्ले से प्रयोग चल रहा था। सरकारी मानक 6-1 की जगह 20-1 और 22-1 के मसाले का प्रयोग हो रहा था। ग्रामीण लक्ष्मी, श्रीमती, बिकनी आदि ने मंत्री को बताया कि प्रधान पति जगदीश पाल और सिक्रेटरी मनोज मिश्रा ने खाते में पैसे न भेजकर ठेकेदारों से काम कराया और ठेकेदारों के खाते में पैसे भेजे। इस पर मंत्री को गुस्सा आ गया, उन्होंंने तत्काल फोन लगाकर उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाया।
मंत्री बोले- आज ही होगी कार्यवाई
मंत्री सुरेश पासी ने मीडिया से कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है की हर व्यक्ति को शौचालय मिले। हमारा प्रदेश ओडीएफ घोषित हो, कोई भी बाहर शौचालय के लिए न जाए। इसमें लापरवाही बरती जा रही है, टोटल पीली ईटों का प्रयोग हो रहा है। अधिकारी ठेकेदारों से काम करा रहे हैं। लाभार्थी को पैसे न देकर ठेकेदार के खाते में पैसा दिया जा रहा है। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध आज ही कार्यवाई होगी।
कहीं दीवार, कहीं दरवाजा है टूटा
आपको बता दें कि जिले भर में स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत गांव में प्रधान और ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों ने बारह हजार की लागत से शौचालय का निर्माण ठेकेदारों से करवाया। अब शौचालय की हालात यह है कि कहीं शौचालय की दीवार गिर रही है, तो कही शौचालय के गड्ढे में मिट्टी भर रही है, तो कही दरवाजा टूटा है तो कही सीट। कई लाभार्थी ऐसे है जिनके यहां शौचालय बनवाने की न तो सूचना गयी और न ही प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी ने ठेकेदारी से शौचालय का निर्माण ही कराया। जो शौचालय बने है उनकी गुणवत्ता पर नजर डाले तो एक बोरी सीमेंट में तीन शौचालय का निर्माण करवाया गया, इस कारण कही शौचालय की छत टूटी, तो कही शौचालय में प्लास्टर भी नही हुए है। ग्राम पंचायत के ऐेसे शौचालयों को प्रशासन ने सही ठहरा कर गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया। जिसे देख कर ग्राम पंचायतो मे लोग स्वच्छ भारत मिशन पर थू-थू कर रहे है। जिले के ग्राम पंचायत दांदूपुर, मनीरामपुर, भीमी, कोरारीगिरधर शाह, बदलापुर , जंगलरामनगर, परसावा, रायपुरफुलवारी, महमूदपुर, खौपुर बुजुर्ग, राजापुर कोहरा, नयनहा बर्तली, राजापुर कल्यान कोरारीहीर शाह , कसारा, खरेथू, आदि ग्राम पंचायत स्वच्छ भारत मिशन में शामिल हैं लेकिन ग्रामीण सुबह-शाम लोटा डिब्बा लेकर शौच के लिए गांव से बाहर शौच क्रिया के लिए जाते है। ब्लाक शाहगंढ की ग्राम पंचायत सेवई हेमगंढ में स्वच्छ भारत मिशन की किरण पहुंची है, जहां पर शौचालय निर्माण के बाद ग्राम पंचायत को ओडीएफ घोषित करने की प्रक्रिया ग्राम पंचायत ने कर दिया।