UP Political News: बसपा का वोट बैंक अपने पाले में लाने के लिए भाजपा सरकार करेगी ये काम

भाजपा बाबा साहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर की एक बड़ी प्रतिमा लखनऊ में स्थापित करवाने जा रही है। इसे यूपी विधानसभा चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी को करारा झटका देने की रणनीति माना जा रहा है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-06-26 14:06 IST

Lucknow Political News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार संविधान निर्माता बाबा साहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर की एक बड़ी प्रतिमा लखनऊ में स्थापित करवाने जा रही है। इसे यूपी विधानसभा चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी को करारा झटका देने की रणनीति माना जा रहा है। इसके पहले बहुजन समाज पार्टी की मुख्यमंत्री मायावती ने 2007 की अपनी सरकार में परिवर्तन स्थल का निर्माण कराया था। इसमें डा अम्बेडकर की मूर्ति को लगवाया गया था।

भाजपा की रणनीति: वोट बैंक को फोकस करके दलितों के हितों के लिए काम-काज को और तेज कर दिया है  pic(social media)

25 फुट उंची होगी बाबा साहब की मूर्ति

लगभग 45 करोड़ की लागत से बनने वाले स्मारक स्थल को शिलान्यास राष्ट्रपति रामनाथ कोविद से 29 जून को कराने का कार्यक्रम तय किया जा रहा है। राजधानी लखनऊ के ऐशबाग क्षेत्र में होने वाले अम्बेडकर कल्चरण सेंटर में बाबा साहब डाॅ भीमराम अम्बेडकर की यह मूर्ति लगभग 25 फुट उंची होगी। इसमें डाॅ अम्बेडकर से जुड़ी कई वस्तुओं को प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा। इसमें एक पुस्तकालय की भी स्थापना कराने की योजना है।


दलित विरोधी एजेंडे के तहत काम कर रही योगी सरकार: बसपा सुप्रीमों

दरअसल बसपा सुप्रीमों मायावती प्रदेश की योगी सरकार पर अक्सर दलित विरोधी होने का आरोप लगाती रहती है। हाथरस की घटना के बाद से तो वह लगातार प्रदेश सरकार पर आक्रामक रही हैं। उन्होंने अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर कई आरोप लगाने के साथ ही इस बात पर भी जोर दिया है कि दलित बेटियों के साथ हो रही घटनाओं से साफ है कि यह सरकार पूरी तरह से दलित विरोधी एजेंडे के तहत अपना काम कर रही है। वहीं भाजपा सरकार बसपा के परम्परागत दलित वोट पर अपनी नजर गड़ाए हुए है। हाल ही में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का गठन किया है। जिसका अध्यक्ष जाटव समाज से आने वाले डाॅ रामबाबू हरित को बनाया गया है। दरअसल दलित समाज की सबसे बड़ी वोटरों की संख्या जाटवों की ही है। यह कुल आबादी का 10 प्रतिशत तथा दलित आबादी का 50 प्रतिशत है। पार्टी ने इसी बडे वोट बैंक को फोकस करके दलितों के हितों के लिए अपनी काम काज को और तेज कर दिया है।

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