Politician Dr Banda Prakash Biography: हाई स्कूल के दिनों से ही एक सक्रिय छात्र नेता के तौर पर जाने जाते थे डॉ. बंदा प्रकाश

Politician Dr Banda Prakash Biography: आज हम आपको डॉ. बंदा प्रकाश के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं साथ ही इन्होने विभिन्न विधेयकों और नीतियों पर अपने विचार भी प्रस्तुत किए।;

Report :  Jyotsna Singh
Update:2025-02-16 14:54 IST

Politician Dr Banda Prakash Biography in Hindi (Image Credit-Social Media)

Politician Dr Banda Prakash Biography: डॉ. बंदा प्रकाश एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने विभिन्न विधेयकों और नीतियों पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। उदाहरण के लिए, उन्होंने ’राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान विधेयक 2019’ पर अपने विचार साझा किए हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने ’मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक’ पर भी अपने विचार साझा किए हैं। वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर ध्यान आकर्षित करने के लिए भी उन्होंने अपने विचार रखे हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से, डॉ. बंदा प्रकाश ने एक सक्रिय और जागरूक राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी छवि बनाई है, जो विभिन्न सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखते हैं।

ये वह तेलंगाना मुदिराज महासभा के अध्यक्ष हैं। वह तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति से संबंधित हैं। बंदा प्रकाश को 12 फरवरी 2023 को सर्वसम्मति से तेलंगाना विधान परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया।

डॉ. बंदा प्रकाश का व्यक्तिगत जीवन एवं शिक्षा

  • डॉ. बंदा प्रकाश का जन्म 18-02-1954 को सत्यनारायण और शकुंतला के घर वारंगल, तेलंगाना में हुआ था। उन्होंने 1996 में काकतीय विश्वविद्यालय वारंगल से पीएचडी (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) की डिग्री पूरी की।
  • उन्होंने अनीता प्रकाश बांदा से विवाह किया। उनका पेशा शिक्षक और शिक्षाविद्, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता और ट्रेड यूनियनिस्ट है।

ऐसा रहा राजनैतिक सफर

उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की । वे अपने हाई स्कूल के दिनों से ही एक सक्रिय छात्र नेता थे। 1969 में जब तेलंगाना आंदोलन अपने चरम पर था, तब एक सक्रिय छात्र नेता ने तेलंगाना प्रजा समिति के बैनर पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार का समर्थन किया। उन्होंने तेलुगु में तीन किताबें लिखीं और तीन किताबों के लेखक और सह-संपादक थे।

  • 1981-1986 तक वे वारंगल नगर निगम के नगर पार्षद रहे । 1981-1984 तक वे वारंगल नगर निगम के उपाध्यक्ष रहे । 1982-1985 तक वे काकतीय शहरी विकास प्राधिकरण (ज्ञन्क्।) के सदस्य रहे।
  • 1991-1994 तक, वे वारंगल में काकतीय विश्वविद्यालय में प्रबंधन बोर्ड के सदस्य थे। 2018 में, वे वारंगल के काकतीय विश्वविद्यालय की वित्त समिति के सदस्य थे। वे तेलंगाना के मुदिराज महासभा के अध्यक्ष हैं।

2018 में, उन्हें तेलंगाना से राज्यसभा का सांसद (एमपी) चुना गया । 2018-2019 तक, वे प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष (संशोधन) विधेयक पर राज्यसभा की प्रवर समिति के सदस्य थे। 2019 में, वे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के लिए परामर्शदात्री समिति के श्रम सदस्य समिति के सदस्य थे। 2018 में, वे राज्य सभा के सदस्यों को कंप्यूटर के प्रावधान संबंधी समिति(पीसीएमआरएस) के सदस्य थे ।2019 में, वे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण संबंधी समिति के सदस्य थे। 2019 में, वे सरोगेसी (विनियमन) विधेयक पर प्रवर समिति के सदस्य थे और सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम के लिए राष्ट्रीय बोर्ड के सदस्य थे। वर्तमान में 12 फरवरी 2023 से तेलंगाना विधान परिषद के उपाध्यक्ष हैं। साथ ही वह 22 नवंबर 2021 से तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य हैं। इससे पहले उन्होंने 23 मार्च 2018 से 4 दिसंबर 2021 तक तेलंगाना का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में कार्य किया। उन्होंने 33 वोटों से मतदान जीता था।

राजनीतिक सफर में धारित पद

विधानमंडल का अनुभव

03.04.2018 - 04.12.2021, सदस्य, राज्य सभा

22.11.2021 से - सदस्य, तेलंगाना विधान परिषद

1. 1981 - 1986, नगर पार्षद, वारंगल नगर निगम

2. 1981 - 1984, वारंगल नगर निगम के उपाध्यक्ष

3. 1982 - 1983, सदस्य, काकतीय शहरी विकास प्राधिकरण

4. 1984 - 1985, सदस्य, काकतीय शहरी विकास प्राधिकरण

5. 12.02.2023 के बाद - तेलंगाना विधान परिषद के उपसभापति

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