Politician Fauzia Khan Wikipedia: संसद में विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्पष्ट और प्रभावशाली वक्तृत्व शैली के लिए जानी जाती हैं फौजिया खान
Politician Fauzia Khan Biography: आज हम आपको एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ के रूप में फौजिया खान की भूमिका के बारे में बात करेंगें जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सदस्य भी हैं।;
Politician Fauzia Khan Biography (Image Credit-Social Media)
Politician Fauzia Khan Biography: फौजिया खान एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सदस्य हैं। उनकी राजनीतिक छवि एक समर्पित और सक्रिय नेता की है, जिन्होंने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
महाराष्ट्र सरकार में, शालेय शिक्षा, महिला और बाल कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभागों में राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत फौज़िया खान को फौज़िया तहसीन खान नाम से भी जाना जाता है। संसद में विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्पष्ट और प्रभावशाली वक्तृत्व शैली के लिए जानी जाती हैं। उन्हें उनकी संसदीय गतिविधियों के लिए “संसद रत्न“ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार की एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह महाराष्ट्र से भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा की सदस्य हैं। वह राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस (एनसीपी की महिला विंग) की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, भारत में महाराष्ट्र सरकार की पूर्व राज्य मंत्री हैं । वह दो बार एमएलसी यानी महाराष्ट्र विधानमंडल के ऊपरी सदन विधान परिषद की सदस्य रहीं। कॉन्वेंट-शिक्षित खान राज्य की पहली मुस्लिम महिला हैं जिन्होंने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के रूप में काम किया है। वह स्कूल शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, सांस्कृतिक मामले, सामान्य प्रशासन, सूचना एवं जनसंपर्क, अल्पसंख्यक विकास (औकाफ सहित) और प्रोटोकॉल विभागों के साथ राज्य मंत्री (जूनियर मंत्री) थीं।
व्यक्तिगत जीवन और शिक्षा
फौजिया खान का जन्म 19 फरवरी 1957, को औरंगाबाद , बॉम्बे राज्य , भारत में हुआ था।
इनका राजनीतिक दल
- एनसीपी (सपा) रहा है। इनके पति का नाम तहसीन अहमद खान है और इनकी संतानों में
- एक बेटा और एक बेटी है।
- फौजिया खान ने एम.ए., एम.फिल., पीएचडी. तक शिक्षा हासिल की है।
राजनैतिक सफर
फौजिया खान शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से ताल्लुक रखती हैं। वे दो बार महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्य रह चुकी हैं। उनका पैतृक घर औरंगाबाद, महाराष्ट्र है । शादी के बाद वे परभणी चली गईं , जहां उन्होंने परभणी नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
फौज़िया खान अखिल महाराष्ट्र अल्पसंख्यक शिक्षा संगठन (फेम) की फेडरेशन की प्रमुख हैं और परभणी में कई शैक्षणिक संस्थान चलाती हैं । वर्ष 2008 में उन्होंने औरंगाबाद में मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) द्वारा ऑफ-कैंपस शैक्षणिक परिसर विकसित करने के लिए 5 एकड़ ज़मीन दान की थी । महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के रूप में उन्होंने औरंगाबाद के पास खुल्दाबाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) महाराष्ट्र केंद्र के लिए 332 एकड़ की जगह की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ।
डॉ. फौजिया खान की राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां शामिल हैंः
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद
डॉ. खान ने महाराष्ट्र सरकार में शालेय शिक्षा, महिला और बाल कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभागों में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया है, जहां उन्होंने शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राज्यसभा सदस्यता
वर्तमान में, वे राज्यसभा की सदस्य हैं और संसद में विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्पष्ट और प्रभावशाली वक्तृत्व शैली के लिए जानी जाती हैं।
संसद रत्न पुरस्कार
डॉ. खान को उनकी संसदीय गतिविधियों के लिए “संसद रत्न“ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो उनकी सक्रियता और समर्पण का प्रमाण है।
महिला सशक्तिकरण के लिए प्रयास
उन्होंने लड़कियों की विवाह की आयु 21 वर्ष करने का मुद्दा संसद में उठाया, जो महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सीमा सुरक्षा पर मुखरता
- भारत-चीन सीमा विवाद के मुद्दे पर, डॉ. खान ने सरकार से तीखे सवाल पूछे और भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट का हवाला देते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
- इन उपलब्धियों के माध्यम से, डॉ. फौजिया खान ने एक समर्पित और सक्रिय नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जो सामाजिक न्याय, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
- फौजिया खान की छवि एक निडर और स्पष्टवादी नेता की है, जो सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय व्यक्त करती हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और समर्पण ने उन्हें महाराष्ट्र और राष्ट्रीय स्तर पर एक सम्मानित राजनेता के रूप में स्थापित किया है।
इनसे जुड़ा विवाद
डॉ. फौजिया खान का नाम एक विवाद से जुड़ा है, जो 2012 में सामने आया था। महाराष्ट्र की तत्कालीन स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री फौजिया खान पर आरोप लगा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के दौरान वन्य प्राणियों का शिकार किया और उनके शवों के साथ फोटो खिंचवाई। हालांकि, फौजिया खान ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया और स्पष्ट किया कि वे केवल पारिवारिक मित्रों के साथ यात्रा पर थीं और शिकार में शामिल नहीं थीं। इसके अतिरिक्त, 2022 में राज्यसभा में चीन के मुद्दे पर चर्चा के दौरान, उन्होंने भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के एक ट्वीट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर सवाल उठाए। इस पर भी राजनीतिक हलकों में चर्चा हुई।
इन घटनाओं के बावजूद, डॉ. फौजिया खान ने अपने राजनीतिक करियर में सक्रियता और समर्पण के साथ कार्य किया है।