PK in Congress: प्रशांत की कांग्रेस में इंट्री से कहीं ख़ुशी तो कहीं गम, चुनौतियों से कैसे निपटेंगे पीके?
PK in Congress: प्रशांत किशोर ने सोनिआ गांधी और कांग्रेस के बड़े नेताओं के सामने 600 स्लाइड्स वाला रोडमैप तैयार कर उसका प्रजेंटेशन दिया था। प्रशांत की इंट्री को लेकर कई चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
PK in Congress: प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सोनिआ गांधी (Sonia Gandhi) और कांग्रेस के बड़े नेताओं के सामने 600 स्लाइड्स वाला रोडमैप तैयार कर उसका प्रजेंटेशन दिया था। इसके बाद लगभग सभी बड़े नेताओं जैसे मल्लिकार्जुन खड़गे, पी.चिदंबरम, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, एके एंटनी, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और दिग्विजय सिंह को काम दिया गया कि वो इस पर अपनी रिपोर्ट दें। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट गांधी परिवार को सौंप दी है।
आइए जानते हैं इस 600 स्लाइड वाले प्रजेंटेशन में खास क्या है जिसने नेताओं के उड़ा दिए हैं होश
आज सुबह-सुबह Newstrack पहुंच गया माल एवेन्यु के यूपी कांग्रेस कार्यालय (UP Congress Office)। ये जानने के लिए दिल्ली में तो बड़ा माहौल बना है पीके को लेकर लखनऊ में क्या माहौल है? माहौल बड़ा टाइट नजर आ रहा था। नेता जी लोग मस्त कड़क कलफ वाले कुरते पैजामे में प्रशांत की ही बात कर रहे थे। हम भी शामिल हो गए कि सुने क्या चल रहा है। 6-7 लोगों से घिरे नेता जी बता रहे थे कि प्रशांत जी आ गए है अब सब सही कर देंगे, जैसे उन्होंने मोदी जी को जीत दिलाई वो ही 2024 में कांग्रेस को जिता देंगे। हमारी सरकार होगी। ये सुनने के बाद हमने नेता जी से पूछा इतना यकीन क्यों है आपको? तो उन्होंने कहा काहे देखे नहीं है क्या जी आप? प्रशांत जी कैसे काम करते हैं कितना परफेक्ट तरीके से काम निपटाए हैं। अभी तक वो जहां जाते हैं जीत उधर चल देती है।
चाय पानी चल रही थी प्रशांत पर चर्चा
हम आगे बढ़े यहां भी कुछ अधेड़ कांग्रेस नेता (Congress Leader) जुटे हैं चाय पानी चल रहा है। चर्चा का विषय प्रशांत ही है। बात चल रही कि प्रशांत कैसे कह सकते कि गैर-गांधी को पार्टी अध्यक्ष बना दिया जाए। ऐसे हुआ तो पार्टी को संभालेगा कौन और किसे बनाएंगे अध्यक्ष? पार्टी को गांधी परिवार ने अपने खून पसीने से सींचा है पार्टी को जितना वो समझते हैं कौन इतना समझ सकता है? इनमें से एक नेताजी ने बिस्कुट को चाय में डुबोते हुए कहा प्रशांत (Prashant Kishor) कह रहे है कि पार्टी को लोकतांत्रिक संगठन के रूप में काम करना चाहिए चाटुकारिता और भाई-भतीजावाद को छोड़ने की जरुरत है। कहां है ये सब बताइए भला अपनी पार्टी में कहीं है क्या? इतने में उनका बिस्कुट समाधी ले लेता है वो कप को घूरने लगे।
इनमें ही एक साहेब शामिल हैं। रिटायर हुए 5 साल हो चुके है। तभी से कांग्रेस में हैं। उनका दर्द भी झलक गया। बोले, उनको कल किसी ने दिल्ली से फोन किया था बोला आप कुछ और देख लीजिये क्योंकि प्रशांत थके और बुजुर्ग नेतृत्व को किनारे लगाने का मन बना चुके हैं। उनको ऐसे नेता चाहिए जो जनता के लिए सड़क पर उतर के लाठी खा सकें। ये तो गलत है न? हमें ऐसे कैसे किनारे लगा सकते हैं? उनके साथ वाले ने कहा कहे टेंशन ले रहे हैं अभी सिर्फ बात हो रहा है कुछ होगा तो देख लेंगे। उनके बगल वाले नेता जी जो शायद लेफ्ट साइड नहीं शायद राईट साइड बैठे थे, लंबी साँस लेकर बोले, अब आप ही बताइए इस उम्र में दो चार लाठी पड़ गई तो बीवी भी मरहम नहीं लगाने वाली। ये पार्टी को चुनाव के लिए तैयार करेंगे कि जंग के लिए।
कई नेता खुश और कई गम
इन नेताओं का दुःख देखा नहीं गया हमसे। हम वहां से उधर चले जहां कुछ महिला नेत्री खड़ी थी। इनका उत्साह देख के लगा ये काफी खुश हैं। एक महिला नेत्री को कहते सुना ए जिज्जी! आज फोन आया था दिल्ली से बता रहे थे कि प्रशांत (Prashant Kishor) उन नेताओं की लिस्ट निकालने वाले हैं, जो काफी समय से पदाधिकारी हैं, लेकिन किसी धरने प्रदर्शन में नेतृत्व नहीं किए। जब चुनाव आता तो अपने घर वालों के लिए टिकट मांगने खड़े हो जाते हैं। उनको राईट टाइम किया जाएगा। उनके बगल वालीं बोली कि सुने हैं यूपी का पूरा संगठन ही बदल देंगे। कोई ब्राहमण को लाने वाले हैं प्रदेश अध्यक्ष बना के। अपनी आराधना दीदी बन जाती अध्यक्ष तो कित्ता अच्छा होता।
इनके बगल में खड़ी युवा नेत्री कहती हैं उनको भी किसी दिल्ली वाली दीदी ने फोन पर बताया कि अब जमीनी नेताओं का समय बदलने वाला है। उनको संगठन में जगह मिलेगी और उनके काम की तारीफ भी होगी। दीदी बता रही थी कि अब से उन कार्यकर्ताओं की लिस्ट बनानी है जो घर बैठ गए हैं। उनको वापस पार्टी में लाया जाएगा और सम्मान भी मिलेगा दीदी सच्ची में ऐसा हुआ तो पार्टी को मजबूती मिलेगी।
इसके बाद हमको भी चाय कि तलब लग चुकी थी, सो बाहर जहां चाय मिलती है वहां पहुंच गये। यहाँ भी प्रशांत चालीसा ही चल रही थी। चाय हाथ में लेकर सुनने लगे एक युवा नेता कुछ साथियों के साथ बतिया रहे हैं कि प्रशांत जी ने जो 600 स्लाइड्स वाली प्रजेंटेशन दी उसको पूरा देखा भी नहीं कि क्या कैसे करना है। उनकी बात सुनकर उनके साथ ने कहा भैया! क्या जरुरत देख के जब प्रशांत जी पार्टी में आने ही वाले हैं तो वो अपने से कर लेंगे जो करना है। हमें तो चाहिए कि पार्टी का चाल चरित्र बदले। पार्टी मजबूत हो। चापलूस और वो जो सालों से पदों पर बैठे हैं उनको हटा के काम करने वाला नेता सामने आए। जैसे रीता बहुगुणा जोशी जब अध्यक्ष थी तो पार्टी में कितनी जान फूंक दी थी उन्होंने और सभी से मिलती भी थी। अब तो कोई नेता मिलता भी नहीं। पूछता भी नहीं कि कैसे हो? अब प्रशांत जी से उम्मीद है कि वो पार्टी की सर्विस कर के उसको चकाचक कर देंगे।
उनके साथ वाला कहता है भैया सुने हैं प्रशांत (Prashant Kishor) जल्द लखनऊ आने वाले हैं वो बताएंगे कि कैसे बीजेपी (BJP) वालों से निपटना है। गठबंधन की बात भी हो रही है तो क्या सपा या बसपा के साथ फिर जाएगी क्या पार्टी? ए भैया! ऐसा नहीं होना चाहिए वर्ना नुकसान तो पार्टी का ही होगा।
ये तो रही नेताओं की बात कि वो क्या सोच रहे हैं प्रशांत की इंट्री को लेकर अब जरा बात कर लेते हैं कि चुनौती क्या है
- प्रशांत गैर-गांधी अध्यक्ष चुनने के लिए पार्टी को कैसे मनाएंगे।
- जी 23 के नेताओं से कैसे निपटेंगे।
- टिकट वितरण में भाई-भतीजावाद को कैसे दूर कर सकेंगे। जबकि पार्टी के अहम पद गांधी परिवार के पास ही हैं।
- बुजुर्ग नेताओं से बीजेपी ने जैसे मुक्ति पाई वैसे कांग्रेस को कैसे मुक्ति दिला सकेंगे प्रशांत।
- कार्यकर्ताओं से कट चुके नेताओं को कैसे कार्यकर्ताओं के करीब लायेंगे।
- गांधी परिवार के करीबी नेताओं से कैसे निपटेंगे।
- बूथ लेबल तक कांग्रेस का नेतृत्व ध्वस्त हो चुका है। ऐसे में लोकसभा चुनाव तक कैसे वो बूथ लेबल पर कार्यकर्ता तैयार करेंगे।
- जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है वहां भी संगठन और सरकार के बीच काफी मतभेद हैं उनसे कैसे निपटेंगे।
- गठबंधन के साथ कौन होंगे और सीटों का बटवारा कैसे होगा।
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